टोंक। राजकीय पीजी कॉलेज टोंक में शनिवार को नशामुक्ति एवं मानसिक स्वास्थ्य सेमिनार का आयोजन गया। इसमें नशे से होने वाले नुकसान को लेकर चर्चा की और नशे से दूर रहने की सलाह दी। जिला अस्पताल के मनोरोग एवं नशामुक्ति विशेषज्ञ डॉ. योगेश कुमार ने बताया की नशे के कारण मनुष्य के शारिरिक, आर्थिक, सामाजिक, व्यावसायिक एवं मानसिक स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। ऐसे में जितना जल्दी हो सके अपनी नशे की आदत को छोड़ दें। अगर आपको किसी प्रकार के नशे की लत छोड़नी है तो सबसे पहले इसके लिए आप खुद अपनी इच्छा शक्ति जागृत करें और अपने निर्णय पर दृढ़ बने रहें एवं नशामुक्ति विशेषज्ञ से सम्पर्क करें। काउंसलिंग एवं उचित दवाइयों के माध्यम से सभी प्रकार के नशीली पदार्थों को छोड़ा जा सकता है। अभी विभिन्न कारणों से समाज में विभिन्न प्रकार के नशों का दुरुपयोग बढ़ा है। इसके चलते अपराध, भ्रष्टाचार में भी बढ़ोतरी हुई है। 2019 में एम्स नई दिल्ली के द्वारा की गई रिसर्च में भारत में कुल लगभग 4 करोड़ लोग विभिन्न प्रकार के नशों के आदी है जिनमें 28 लाख ओपीयम (डोडा, पोस्त, अफीम, स्मैक), नशा संबंधित समस्याओं से बचने के लिए नशा मुक्ति विशेषज्ञ से सलाह लें। 7-8 घंटे की नींद लें, नियमित व्यायाम करें, पौष्टक आहार लें। परिवार एवं मित्रों के साथ समय बिताएं। सकारात्मक सोच रखें।
भारत सरकार द्वारा मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत राष्ट्रीय स्तर की हेल्पलाइन 8046110007/ 1800-18000-18 पर मनोरोग/ नशामुक्ति समबन्धित परामर्श ले। सआदत अस्पताल के कमरा न.3 में सभी प्रकार के नशो जैसे स्मैक, डोडा पोस्त, अफीम, हेरोइन, ब्राउन शुगर, चिटटा, भांग, गांजा, चरस, शराब, कोकेन, बीड़ी, सिगरेट, तंबाकू, गुटखा, पान मसाला, खैनी, कैफीन, थिनर, ट्रमाडोल कैप्सूल, ऐवील इजेक्शन, नींद की गोलियां आदि का ईलाज एवं परामर्श दिया जाता है। कार्यक्रम के दौरान प्राचार्य डॉ. लोकेश शर्मा, डॉ. अजय, डॉ. छोटूराम मीणा, डॉ. महावीर डॉक्टर सौरभ शर्मा, डॉ. अभिलाषा मूदगल उपस्थित रहे।