चित्तौड़गढ़। जिले में शहर के सेंगवा हाउसिंग बोर्ड में रविवार रात को आगजनी की घटना हुई। जिसमें 2 मकान और 1 कार पूरी तरह जलकर खाक हो गई। जबकि 3 मकानों में भी नुकसान हुआ है। इस आगजनी की वारदात के पीछे एक व्यक्ति की लापरवाही सामने आई। व्यक्ति ने अपने मकान में अवैध रूप से बिना लाइसेंस के भारी मात्रा में पेट्रोलियम पदार्थ रखा हुआ था। इतना ही नहीं, व्यक्ति द्वारा अपने घर से अवैध रूप से गाड़ियों में पेट्रोल-डीजल भरा जाता था।
आरोपी हो गया फरार
हैरानी की बात है कि पुलिस को इसकी जानकारी होते हुए भी कभी कोई कार्रवाई नहीं हुई। वहीं, आग लगने की सूचना पर नगर परिषद से फायर ब्रिगेड की टीम भेजी। मौके पर पुलिस भी पहुंची। मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। जबकि मौके से आरोपी भाग निकला। मामला सदर थाने का है।
शिकायतों के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई
शहर के सदर थाना क्षेत्र के सेंगवा हाउसिंग बोर्ड में रहने वाले सतपाल सोनी उर्फ सरदार जी द्वारा आबादी क्षेत्र में लगातार पेट्रोलियम पदार्थ का कारोबार किया जा रहा है। यहां तक की सतपाल सोनी द्वारा अपने मकान में पेट्रोलियम पदार्थ से भरे हुए कई ड्रम भी रखे जा रहे थे। पड़ोसियों की शिकायतों के बावजूद भी पुलिस ने इस और कभी ध्यान नहीं दिया। नतीजा यह हुआ कि रविवार रात एक गाड़ी से अवैध रूप से पेट्रोलियम पदार्थ से भरे ड्रम मकान में खाली किए जा रहे थे। इसी दौरान आग लग गई। आग सतपाल सोनी के मकान में फैल गई जहां पहले से कई ड्रम रखे हुए थे।
पूरे मोहल्ले में मचा हड़कंप
आग की लपटें दूर दूर तक उठने लगी। मोहल्ले में हड़कंप मच गया। पड़ोसियों के बाहर आते देख सतपाल सोनी और उनके यहां काम करने वाले सभी लोग मौके से भाग निकले। आग लगने की सूचना पर नगर परिषद से दमकल मंगवाई गई। मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। मकान के सामने अरुण तिवारी, दीपक खांडेकर, चतुभुर्ज आसवानी, बाबुलाल जोशी का मकान है, आग उनके मकान तक भी पहुंची और काफी नुकसान भी हुआ है। वहीं, अरुण तिवारी के मकान में काफी नुकसान होना भी बताया जा रहा है। अरुण तिवारी की बेटी प्रियंका तिवारी ने सदर थाने में सतपाल सोनी के नाम से रिपोर्ट भी दर्ज करवाई है। हालांकि इस आगजनी में कोई जनहानि नहीं हुई है। अरुण तिवारी भी एमपी गए हुए थे, इसीलिए कोई भी बड़ा हादसा नहीं हुआ।
आरोपी का घर भी जलकर हुआ राख
प्रियंका तिवारी ने रिपोर्ट में बताया कि उनके पिता अरुण तिवारी इस मकान में रहते हैं। अरुण तिवारी, मंदसौर मध्य प्रदेश गए हुए हैं। अचानक मकान में आग लगने की बात सामने आई। फायर ब्रिगेड को भी अरुण तिवारी के घर के दोनों तरफ के दरवाजे तोड़कर आग बुझानी पड़ी। मकान के सामने ही वैन खड़ी हुई थी जिसमें पेट्रोलियम पदार्थ से भरे हुए ड्रम रखे हुए थे। वेन पूरी तरह से जलकर राख हो गई थी। प्रियंका तिवारी ने बताया कि सतपाल सिंह के घर में भी सात-आठ ड्रम पड़े हुए थे, जिसमें पेट्रोलियम पदार्थ भरे हुए थे। आबादी क्षेत्र में होने के बावजूद भी मकान में बिना लाइसेंस के बड़ी मात्रा में पेट्रोलियम पदार्थ रखा जा रहा था और मकान से ही बेचने का काम भी किया जा रहा था। मकान चतुभुर्ज आसवानी, वंदना खाण्डेकर, बाबूलाल जोशी के मकान में भी आग लगने से काफी सामान जलने से नुकसान हुआ है। आगजनी से दीवारें, फर्श, फर्नीचर सब जल गए। मोहल्ले में बिजली की केबल, सर्विस लाइन भी जल गई। कई घंटे तक बिजली भी बंद रही। सबको मिलाकर लगभग 25 लाख रुपयों का नुकसान होना बताया जा रहा है।
अवैध कारोबार के खिलाफ कार्रवाई नहीं, मिलीभगत का संदेह
इस आगजनी का कारण आरोपी सतपाल सोनी को माना जा रहा है। जबकि क्षेत्र वासियों का यह भी आरोप है कि पुलिस की भी इसमें मिलीभगत है। शिकायत करने पर भी एक्शन नहीं लिया गया। अगर समय से एक्शन लिया गया होता तो घटना घटित ही नहीं होती। बता दे कि सदर थाना क्षेत्र में ऐसे मामले पहले भी आ चुके हैं। सदर थाना क्षेत्र में ही पहले एक होटल के बाहर अवैध रूप से पेट्रोलियम पदार्थ भरते हुए 2 टैंकरों में आग लगी थी और उसमें दो या तीन युवक झुलस गए थे। इस घटना में उन युवकों की मौत भी हो गई थी। इसके अलावा सेंथि में ही आबादी क्षेत्र में एक पेट्रोलियम पदार्थ का अवैध कारोबार चल रहा था। उसमें भी आगजनी की घटना होने के बाद बड़ा हादसा होते-होते टल गया था। सदर थाना पुलिस इसके बावजूद भी इन मामलों में सीरियस नहीं हुई और ना ही इन अवैध कारोबार पर लगाम लगा पाई। बार-बार शिकायत होने के बावजूद भी कार्रवाई नहीं करना मिलीभगत की ओर इशारा करता है।