जयपुर। सफाई कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया में लागू किए गए नियमों में संशोधन की मांग को लेकर आज संगठन से जुड़े लोगों ने प्रदर्शन किया। सभी नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा के आवास के बाहर पहुंचे। इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे लोगों पर हल्का बल प्रयोग किया। संगठन से जुड़े कुछ पदाधिकारियों को भी हिरासत में लिया। दरअसल, जयपुर नगर निगम सफाई कर्मचारी के एक संगठन के लोग दोपहर 12 बजे यूडीएच मंत्री के आवास के बाहर पहुंचे थे। यहां सभी ने धरना दिया। स्लोगन लिखी तख्तियां लहराते हुए नारेबाजी की। इन तख्तियों पर भर्ती में अनुभव प्रमाण पत्र पर समक्ष अधिकारी के हस्ताक्षर की बाध्यता को हटाने का उल्लेख किया गया। प्रदर्शन कर रहे संगठन से जुड़े पदाधिकारियों ने बताया- इससे नगर निगम में भ्रष्टाचार पनपेगा। जो भी अभ्यर्थी अनुभव प्रमाण पत्र लेकर अधिकारी के पास जाएगा तो वह उस पर हस्ताक्षर करने से पहले रिश्वत मांगेगा।
पुलिस ने किया हल्का बल प्रयोग
करीब डेढ़ घंटे से ज्यादा समय तक चले इस प्रदर्शन के दौरान वहां मौजूद पुलिस कर्मचारियों ने समझाइश की। हटने के लिए कहा। बार-बार समझाने के बाद पुलिस ने हल्का बल प्रयोग करते हुए प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा। इस दौरान वहां मौजूद कुछ लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया।
ये है पूरा विवाद
प्रदेश की भजनलाल सरकार ने प्रदेशभर में 23 हजार 820 पदों पर सफाई कर्मचारियों की भर्ती निकली है। लेकिन इस भर्ती में आवेदन करने वाले उम्मीदवारों के पास एक साल का सफाई कर्मचारी के तौर पर काम करने का सर्टिफिकेट (अनुभव प्रमाण पत्र) होना अनिवार्य है। अनुभव प्रमाण पत्र जो कॉन्ट्रेक्ट फर्म या ठेकेदार के जरिए अभ्यर्थियों को दिए जाएंगे, उस पर संबंधित नगर निगम के समक्ष स्तर के अधिकारी उपायुक्त या सीएसआई से वैरिफाई करवाना होगा। इस वैरिफिकेशन में अधिकारी उक्त अभ्यर्थी से कम के बदले काटे गए पीएफ-ईएसआई का रिकॉर्ड भी मांगेगा।