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December 27, 2024 8:47 am


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चुनाव ड्यूटी बीच में छोड़कर आए IPS किशन सहाय सस्पेंड : झारखंड में ड्यूटी लगी थी, बिना बताये आ गए; पहले भी विवादों में रह चुके जयपुर। चुनाव आयोग ने राजस्थान कैडर के आईपीएस अधिकारी किशन सहाय को ड्यूटी के दौरान लापरवाही करने पर सस्पेंड कर दिया है। किशन सहाय मीणा आईजी मानवाधिकार के पद पर पुलिस मुख्यालय में तैनात हैं। विधानसभा के आम चुनाव के दौरान उनकी ड्यूटी झारखंड में लगाई गई थी। इसके संबंध में चुनाव आयोग ने मुख्य सचिव राजस्थान को पत्र भेजा है। चुनाव आयोग ने पत्र में लिखा- झारखंड विधानसभा चुनाव में किशन सहाय मीना को गुमला जिले के 67-सिसई, 68-गुमला और 69-बिशुनपुर में पुलिस पर्यवेक्षक के रूप में तैनात किया गया था। आयोग की स्वीकृति के बिना 28 अक्टूबर 2024 को (अर्थात पर्यवेक्षक कर्तव्य पूरा होने से पहले) किशन सहाय मीना ने ड्यूटी स्थल छोड़ दिया। इसलिए किया गया सस्पेंड पत्र में लिखा- पुलिस पर्यवेक्षक की नियुक्ति चुनाव आयोग भारत के संविधान के तहत करता है। किशन सहाय का नाम राजस्थान राज्य सरकार द्वारा 21 अक्टूबर को पत्र भेजकर बताया गया था। किशन सहाय के आदेश 23 अक्टूबर को किए गए। उन्हें नामांकन दाखिल करने के अंतिम दिन से एक दिन पहले 24 अक्टूबर को निर्धारित निर्वाचन क्षेत्रों में रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया था। उन्हें फॉर्म 17ए की जांच और पुनर्मतदान हो तो उसके बाद निर्वाचन क्षेत्र छोड़ने के आदेश दिए हुए थे। उन्होंने 28 अक्टूबर को निर्धारित निर्वाचन क्षेत्र छोड़ दिया। आयोग की मंजूरी लिए बिना जयपुर चले गए थे। इसे चुनाव आयोग ने गम्भीर माना। इस पर राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी को 11 नवम्बर को पत्र जारी कर सस्पेंड करने के आदेश दिये। पहले भी विवादों में रहे बता दें कि आईपीएस किशन सहाय पहले भी विवादों में रहे हैं। उन्होंने सभी धर्मों के भगवान/ईश्वर पर टिप्पणी करते हुए कहा था- ईश्वर, अल्लाह, गॉड जैसी कोई शक्ति न कभी थी, न होती है। अगर इनसे हमें हिम्मत मिलती है तो यह केवल हमारा भ्रम मात्र है। धर्म ग्रंथों में जिनका भी वर्णन कर रखा है, वह कल्पना मात्र की बातें हैं। प्रमोटी आईपीएस अधिकारी है किशन सहाय आईपीएस किशन सहाय प्रमोटी आईपीएस अधिकारी हैं। साल 2013 में आईपीएस बने थे। अगस्त 2013 में इन्हें एसपी टोंक लगाया गया था, लेकिन 11 जनवरी 2014 को एसपी पद से हटाकर एसपी जीआरपी अजमेर लगाया गया। यहां किशन सहाय पूरे एक साल तक रहे। इसके बाद उन्हें सरकार ने एपीओ कर दिया था। करीब 6 महीने एपीओ रहने के बाद सरकार ने सहाय को सीआईडी सीबी में एसपी लगाया। सहाय यहां साढ़े 4 साल तक रहे। सीआईडी के बाद जेल और फिर दोबारा सीआईडी सीबी में लगाया गया। साल 2020 में किशन सहाय को डीआईजी आर्म बटालियन पुलिस मुख्यालय में लगाया गया। यहीं पर सहाय डीआईजी से आईजी बने। 2023 में सहाय को ह्यूमन राइट्स में लगाया गया था।

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Pankaj Garg

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जयपुर। चुनाव आयोग ने राजस्थान कैडर के आईपीएस अधिकारी किशन सहाय को ड्यूटी के दौरान लापरवाही करने पर सस्पेंड कर दिया है। किशन सहाय मीणा आईजी मानवाधिकार के पद पर पुलिस मुख्यालय में तैनात हैं। विधानसभा के आम चुनाव के दौरान उनकी ड्यूटी झारखंड में लगाई गई थी। इसके संबंध में चुनाव आयोग ने मुख्य सचिव राजस्थान को पत्र भेजा है। चुनाव आयोग ने पत्र में लिखा- झारखंड विधानसभा चुनाव में किशन सहाय मीना को गुमला जिले के 67-सिसई, 68-गुमला और 69-बिशुनपुर में पुलिस पर्यवेक्षक के रूप में तैनात किया गया था। आयोग की स्वीकृति के बिना 28 अक्टूबर 2024 को (अर्थात पर्यवेक्षक कर्तव्य पूरा होने से पहले) किशन सहाय मीना ने ड्यूटी स्थल छोड़ दिया।

इसलिए किया गया सस्पेंड

पत्र में लिखा- पुलिस पर्यवेक्षक की नियुक्ति चुनाव आयोग भारत के संविधान के तहत करता है। किशन सहाय का नाम राजस्थान राज्य सरकार द्वारा 21 अक्टूबर को पत्र भेजकर बताया गया था। किशन सहाय के आदेश 23 अक्टूबर को किए गए। उन्हें नामांकन दाखिल करने के अंतिम दिन से एक दिन पहले 24 अक्टूबर को निर्धारित निर्वाचन क्षेत्रों में रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया था। उन्हें फॉर्म 17ए की जांच और पुनर्मतदान हो तो उसके बाद निर्वाचन क्षेत्र छोड़ने के आदेश दिए हुए थे। उन्होंने 28 अक्टूबर को निर्धारित निर्वाचन क्षेत्र छोड़ दिया। आयोग की मंजूरी लिए बिना जयपुर चले गए थे। इसे चुनाव आयोग ने गम्भीर माना। इस पर राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी को 11 नवम्बर को पत्र जारी कर सस्पेंड करने के आदेश दिये।

पहले भी विवादों में रहे

बता दें कि आईपीएस किशन सहाय पहले भी विवादों में रहे हैं। उन्होंने सभी धर्मों के भगवान/ईश्वर पर टिप्पणी करते हुए कहा था- ईश्वर, अल्लाह, गॉड जैसी कोई शक्ति न कभी थी, न होती है। अगर इनसे हमें हिम्मत मिलती है तो यह केवल हमारा भ्रम मात्र है। धर्म ग्रंथों में जिनका भी वर्णन कर रखा है, वह कल्पना मात्र की बातें हैं।

प्रमोटी आईपीएस अधिकारी है किशन सहाय

आईपीएस किशन सहाय प्रमोटी आईपीएस अधिकारी हैं। साल 2013 में आईपीएस बने थे। अगस्त 2013 में इन्हें एसपी टोंक लगाया गया था, लेकिन 11 जनवरी 2014 को एसपी पद से हटाकर एसपी जीआरपी अजमेर लगाया गया। यहां किशन सहाय पूरे एक साल तक रहे। इसके बाद उन्हें सरकार ने एपीओ कर दिया था। करीब 6 महीने एपीओ रहने के बाद सरकार ने सहाय को सीआईडी सीबी में एसपी लगाया। सहाय यहां साढ़े 4 साल तक रहे। सीआईडी के बाद जेल और फिर दोबारा सीआईडी सीबी में लगाया गया। साल 2020 में किशन सहाय को डीआईजी आर्म बटालियन पुलिस मुख्यालय में लगाया गया। यहीं पर सहाय डीआईजी से आईजी बने। 2023 में सहाय को ह्यूमन राइट्स में लगाया गया था।

Author: JITESH PRAJAPAT

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