जयपुर। जिले में चल रही रामकथा में जगदगुरु रामभद्राचार्य ने कहा- आज छोटी-छोटी जातियों में हमारे राजनेता समाज को बांट रहे हैं। सरकारों में अगर दम हो तो जाति के आधार पर आरक्षण बंद किया जाए। आर्थिक आधार पर आरक्षण हो, अपने आप जाति प्रथा समाप्त हो जाएगी। कोई SC, ST, OBC नहीं सब हिंदू एक है, सब भारतीय एक है। आर्थिक आधार पर आरक्षण कर दो। तब यह जाति वाला गृह युद्ध अपने आप समाप्त हो जाएगा। बुधवार को विद्याधर नगर स्टेडियम में रामभद्राचार्य ने राम-भरत मिलाप का प्रसंग सुनाया। रामभद्राचार्य ने कहा- आज जाति वाला गृह युद्ध चल रहा है। हमने सवर्ण में जन्म लेकर पाप किए हैं क्या? लेकिन सवर्ण का बालक शत-प्रतिशत पाकर जूता सिलाई करे। SC का बालक 4 प्रतिशत पाकर कलेक्टर बन जाए। ऐसे कैसे चलेगा ये देश। प्रतिभाओं में आरक्षण नहीं होना चाहिए। सरकार ऐसा कर सकती है तो करें। हमारे यहां हिंदुओं में कोई अस्पृश्य नहीं है। कोई अछूत नहीं है। चारों वर्ण भगवान की रचना है। ब्राह्मण भगवान का मुख है। क्षत्रिय भगवान की भुजा है। वैश्य भगवान की पलथी है और शूद्र भगवान का चरण है।
‘वचन देता हूं भारत में होंगे 80 प्रतिशत हिंदू‘
रामभद्राचार्य ने पूछा- आप बताइए, शूद्र अपवित्र कैसे हो गया। हम किसी को प्रणाम करते हैं तो हम अपना माथा चरण पर लगाते हैं। हमारी सरकार बोलती है पूज्य चरण। कोई पूज्य मुख नहीं बोलता। मैं सीधा प्रश्न करता हूं कर्मकांडियों से, जब भगवान की चरण से निकलकर गंगा सबसे पवित्र नदी बन गई। तो ऐसे भगवान के चरण से प्रकट होकर शूद्र अछूत कैसे हो गया। वेदों को न पढ़ने के कारण सब बातें गलत कही गईं। हमारे रामानंदाचार्य ने 25 लाख हिंदुओं का एक साथ परिवर्तन किया था। मैं वर्तमान में चतुर्थ रामानंदाचार्य हूं। मैं आचार्य चरण को गलता गद्दी के समक्ष वचन देता हूं। हम ऐसा कुछ यत्न करेंगे, जिससे भारत में 80 प्रतिशत हिंदू हो जाएंगे। तब सब कुछ ठीक हो जाएगा। सबका उपाय है। बहुत बच्चे पैदा करने की आवश्यकता नहीं है। सभी हमसे बिछुड़ गए। बिछुड़े हुए हिंदू वापस आएंगे। एक बार फिर हम सबको वापस लेकर आएंगे।
महिलाओं का बाल कटवाना गलत
रामभद्राचार्य ने कहा- आजकल महिलाएं बाल कटवा रही हैं, यह गलत है। केशों की रक्षा के लिए भगवान केशव का अवतार हुआ था। जब-जब भारतीय महिलाओं के केश पर अत्याचार हुआ। तब-तब भगवान का अवतार हुआ। रावण ने जब वेदवती का केश छुआ, तब रामावतार हुआ। कंस ने जब देवकी का केश छुआ, तब श्रीकृष्ण का अवतार हुआ। दुशासन ने जब द्रौपदी का केश खींचा, तब भगवान का काला अवतार हुआ और महाभारत हो गई। आजकल तो महिलाएं कहती हैं- जब केश के लिए भगवान आते हैं। जब केश रहेंगे ही नहीं तो भगवान भी नहीं आएंगे। यही हमारे भारत का आभूषण है। आज भी चित्रकूट में सीता के मंदाकिनी में केश धोने के बाद सुखाते हुए फट-फट की आवाज सुनाई देती है। आज भी सीता के चित्रकूट में दर्शन होते हैं। बार-बार मुझसे पूछा जाता है, आपको भगवान के दर्शन हुए हैं। मैं कह रहा हूं बिल्कुल मुझे दर्शन हुए हैं। इसलिए मैंने इंदिरा गांधी से भी कहा था- अब मैंने राम को देख लिया, मुझे इन आंखों से अब कुछ देखने की आवश्यकता नहीं है। मुझे जन्म तो भारत में ही चाहिए, लेकिन आंख कभी नहीं चाहिए। आज भी भगवान के दर्शन चित्रकूट में होते हैं।