जयपुर। जिले में शुक्रवार को एक बार फिर लेपर्ड रिहाइशी इलाके में पहुंच गया। इससे पहले गुरुवार सुबह भी जयपुर की पॉश कॉलोनी में लेपर्ड के मूवमेंट देखा गया था। स्थानीय निवासी योगेश पुरी ने बताया- 15 नवंबर की सुबह 15 नवंबर (शुक्रवार) को सुबह 4.15 बजे एक लेपर्ड जयसिंहपुरा खोर में मानबाग दिल्ली रोड स्थित काकड़ भैरूजी मंदिर में परिसर में घुसा। लेपर्ड ने मंदिर परिसर में एक पालतू कुत्ते पर हमला कर दिया। कुत्ते ने 47 सेकेंड तक लेपर्ड का मुकाबला किया। इसके बाद लेपर्ड भाग गया। अब वीडियो सामने आया है। स्थानीय निवासी योगेश पुरी ने बताया- घटना मंदिर में लगे सीसीटीवी में कैद हो गई। रिहाइशी इलाके में लेपर्ड के मूवमेंट से लोगों में दहशत है।
सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई घटना
योगेश पुरी ने बताया- इस पूरे घटनाक्रम में कुत्ते को काफी चोट भी आई है। इसकी वजह से वह भौंकने लगा। स्थानीय लोगों ने मौके पर पहुंच कुत्ते को देखा। वह जख्मी दिखाई दिया। सीसीटीवी कैमरे की फुटेज देखने से पता चला कि मंदिर परिसर में लेपर्ड पहुंचा था। इसने कुत्ते पर हमला किया है। इस पूरे घटनाक्रम के बाद जहां कुत्ते का पशु चिकित्सक से उपचार कराया जा रहा है। स्थानीय लोगों के मन में लेपर्ड की दस्तक ने एक डर पैदा कर दिया है।
47 सेकंड तक कुत्ते ने लड़ी जंग
दरअसल, कांकड़ भेरूजी मंदिर में लेपर्ड शुक्रवार सुबह 4 बजकर 15 मिनट 38 सेकेंड पर पहुंचा था। इसके लगभग 1 मिनट बाद 4 बजकर 16 मिनट 35 सेकेंड पर लेपर्ड ने कुत्ते पर हमला कर दिया। 47 सेकेंड तक लेपर्ड और कुत्ते में मंदिर परिसर के गार्डन में ही जंग चलती रही। इसके बाद 4 बजकर 17 मिनट 17 सेकेंड पर लेपर्ड मंदिर परिसर से बाहर भागने लगा। इसके कुछ ही देर में लेपर्ड एक बार फिर अरावली पर्वत श्रृंखला की तलहटी में पहले नाहरगढ़ के जंगलों में भाग गया।
पहले भी आबादी क्षेत्र में पहुंच चुका है लेपर्ड
बता दें कि जयपुर के झालाना और आमागढ़ लेपर्ड रिजर्व होने की वजह से बड़ी संख्या में लेपर्ड का मूवमेंट रहता है। इससे पहले बुधवार सुबह जगतपुरा के आशियाना ग्रीनवुड सोसायटी में लेपर्ड पहुंच गया था। इसके बाद लोगों के मन में दहशत कम भी नहीं हुई थी कि अब जयपुर के जयसिंहपुरा खोर इलाके में लेपर्ड का मूवमेंट नजर आया है। वहीं इससे पहले भी दिल्ली रोड, जमवारामगढ़, मालवीय नगर झालाना इलाके में लेपर्ड मूवमेंट नजर आ चुका है। इस दौरान लेपर्ड कई बार मवेशियों और जंगली जानवरों को अपना शिकार बन चुका है। वहीं जमवारामगढ़ इलाके में मासूम बच्चे को भी मौत के घाट उतार चुका है। बावजूद इसके वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी आबादी क्षेत्र में पहुंच रहे लेपर्ड के मूवमेंट को रोकने में नाकामयाब साबित हो रहे हैं।
जयपुर में 75 लेपर्ड रह रहे
जयपुर में पिछले कुछ वक्त से लेपर्ड की संख्या लगातार बढ़ रही है। झालाना, आमागढ़ और नाहरगढ़ सफारी में लगभग 75 लेपर्ड रह रहे हैं। इनमें सबसे अधिक लगभग 45 लेपर्ड झालाना में है। वहीं, 20 से ज्यादा लेपर्ड आमागढ़ के जंगलों में है। जयपुर देश का पहला ऐसा शहर है जहां 2 लेपर्ड सफारी, एक लॉयन सफारी, एक टाइगर और एक एलिफेंट सफारी है।