कोटा। कोटा स्थित श्री 1008 चंद्रप्रभु दिगंबर जैन मंदिर में विश्व की सबसे बड़ी भगवान पार्श्वनाथ और भगवान संभवनाथ की स्फटिक प्रतिमा स्थापित की गई है। मल्टीनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स (लंदन) ने मंदिर समिति को सर्टिफिकेट प्रदान किया। संस्था के भारत के सीईओ कृष्ण कुमार उपाध्याय ने पंच कल्याणक महोत्सव के अंतिम दिन मुनि 108 आदित्य सागर महाराज की उपस्थित में मंदिर समिति को ये अवॉर्ड प्रदान किया। इस अवसर पर उन्होंने संस्था की गतिविधियों से भी सभी को अवगत कराया। इस मौके पर महाराज ने कहा के ये कोटा ही नहीं अपितु देश के लिए भी गर्व की बात है। महाराज ने इस भव्य पंचकल्याण के समापन पर गुरु दक्षिणा के रूप में संपूर्ण जैन समाज से एकजूट रहने एवं आने वाले सभी साधु-संतों के प्रति समर्पण का भाव रखने का संदेश दिया। सकल दिगंबर जैन समाज के साथ ही सर्व समाज ने इस उपलब्धि पर हर्ष व्यक्त किया। जैन समाज में 24 तीर्थकर होते है। 24 तीर्थंकरों में भगवान सम्भवनाथ की कमलासन मूर्ति व भगवान पार्श्वनाथ की पद्मासन मूर्ति सबसे विश्व की बड़ी है। पार्श्वनाथ भगवान की स्फटिक मणि की पदमासन प्रतिमा का ड़ाईमेंशन 35.80″*18.7″ है। वहीं सम्भवनाथ भगवान की स्फटिक मणि की कमलासन प्रतिमा का ड़ाईमेंशन 30″*20″ है।

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जैन मंदिर के नाम रिकॉर्ड : मल्टीनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स का सर्टिफिकेट मिला, स्फटिक की प्रतिमा स्थापित


Pankaj Garg
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