जोधपुर। रीट पेपर लीक घोटाले मामले में 3 साल से फरार युवती आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। वह अपने पिता के ढाबे के पीछे एक कमरे में छुपी हुई थी। पुलिस को इसका पता लगने पर उसे पकड़ने का प्लान बनाया गया। पुलिसकर्मी सादी वर्दी में ग्राहक बनकर ढाबे पर गए और घेराबंदी की और दबिश देकर गिरफ्तार किया। जोधपुर रेंज की स्पेशल साइक्लोनर टीम ने बालोतरा थाना क्षेत्र के बंबोर से रविवार शाम को पकड़ा। रेंज आईजी विकास कुमार ने बताया- इमरती (30) पत्नी रमेश बिश्नोई निवासी उमरलाई पर 25 हजार का इनाम घोषित था। साल 2021 के रीट परीक्षा घोटाले में इसके खिलाफ बालोतरा थाने में मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद से वह फरार चल रही थी।
इमरती ने अपनी जगह बैठाया था डमी अभ्यर्थी
रेंज आईजी विकास कुमार ने बताया- साल 2021 की रीट परीक्षा के दौरान इमरती ने अपनी जगह परीक्षा में छमी बिश्नोई को बैठाया था। कार्रवाई के इमरती के कागज और परीक्षा प्रवेश-पत्र बरामद किए गए था। परीक्षा प्रवेश-पत्र की फोटो में कंप्यूटर से छेड़खानी की गई थी। इसके बाद से इमरती को पकड़ने के लिए पुलिस टीम जुटी हुई थी। तीन बार पुलिस को चकमा देने में कामयाब रही। चौथी बार उसे पकड़ लिया गया।
पुलिस को 3 बार चकमा दिया, चौथी बार पकड़ी गई
फरारी के दौरान इमरती कल्याणपुर, जोधपुर और बंबोर में अपने रिश्तेदारों के यहां पर रह रही थी। बंबोर में अपने पिता की होटल के पीछे कमरा बनाकर रह रही थी। इसका पता लगने के बाद टीम ने रविवार शाम उसे पकड़ने का प्लान बनाया। इमरती ने बालेसर थाना क्षेत्र के बंबोर को इसलिए चुना क्योंकि यहां से पुलिस की टीम देखकर पीछे के रास्ते से खेतों में होकर भागने में कामयाब हो जाए करती थी, लेकिन इस बार पुलिस ने उसे चकमा दे दिया। साइक्लोनर टीम के सदस्य दो-दो के दल में ग्राहक बनकर होटल में बारी-बारी से पहुंचे और ड्राइवर ने बाहर की घेराबंदी कर उसे पकड़ा। कार्रवाई में हेड कॉन्स्टेबल महिपाल सिंह, कॉन्स्टेबल गोपाल जानी और पूरी टीम शामिल रही।
चार महिलाओं को पहले पकड़ा जा चुका
मामले की मुख्य आरोपी छमी बिश्नोई को 3 महीने पहले वृंदावन से पकड़ा गया था। उससे पूछताछ के बाद भंवरी पत्नी हेमाराम को पुणे (महाराष्ट्र) से और संगीता पुत्री सुखराम को गुढ़ामालानी से पकड़ा गया था। ये दोनों ही डमी कैंडिडेट्स बनकर किसी अन्य परीक्षार्थी की जगह एग्जाम देने आई थी लेकिन पकड़े जाने के डर से एग्जाम दिए बिना ही भाग निकली। वही एक अन्य महिला किरण को भी पकड़ा जा चुका है। साइक्लोनर सेल के गठन के 8 महीने में अब तक 56 अपराधी दबोचा जा चुके हैं।