बायतु। आईसीएआर- केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान मथुरा और आईजी फाउंडेशन झाक, बाड़मेर ने भेड़ – बकरी पालन के क्षेत्र में सहयोग के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते के तहत दोनों संस्थाएं बकरी और भेड़ के उत्पादन में सुधार के लिए काम करेंगें, पशु चारा, चारागाह तथा पोषण, कृत्रिम गर्भाधान और प्रजनन प्रबंधन, पशु स्वास्थ्य और रोग प्रबंधन के क्षेत्र में तकनीकी सहायता प्रदान करने, प्रशिक्षण कार्यक्रम, कार्यशालाएं आयोजित करेंगी और उन्नत तकनीकियों को पहुंचाएगी। इसका उद्देश्य भेड़ – बकरी पालने वाले किसानों की आजीविका में सुधार लाना और उनका कौशल विकास करना है। इस समझौते को प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल-केंद्रीय राज्य मंत्री – मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय- भारत सरकार, गेब्रियल डी वांगसू- कृषि व पशुपालन, डेयरी विकास विभाग मंत्री- अरुणाचल प्रदेश, डॉ अभिजीत मित्रा- पशुपालन आयुक्त- पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय – भारत सरकार, डॉ राघवेंद्र भट्टटा – उप महानिदेशक (प. वि.)- भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली, डॉ ज्ञानेंद्र कुमार गौड़ – सहायक महानिदेशक (प. उ. प्र.) – भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली, डॉ मनीष कुमार चैटली – निदेशक – आईसीएआर- केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान- फरह, मथुरा (उत्तरप्रदेश), डॉ. ए. के. दीक्षित प्रधान वैज्ञानिक सीआईआरजी फरह, मथुरा (यूपी) ने सुपुर्द किया।
इस अवसर पर आईजी फाउंडेशन के सचिव डॉ देवाराम पंवार ने कहा कि यह समझौता भारतवर्ष में भेड़ – बकरी पालकों के लिए एक नए युग की शुरुआत करेगा जिससे युवाओं का विशेष रूप से भेड़ – बकरी पालन में रुझान विकसित करेगा व उनकी आजीविका में सुधार लाने के साथ विकसित और वैज्ञानिक तरीके से पालन की पद्धतियों को प्रसारित करते हुए वृहद स्तर पर भारत सरकार की राष्ट्रीय पशुधन मिशन (एनएलएम) से उद्यमिता विकास को लेकर का कार्य करेगा।