भरतपुर। शहर के मुख्य बाजार में ट्रेफिक जाम से मुक्ति दिलाने के लिए प्रशासन को एक बार फिर कार्रवाई शुरू करनी पड़ी। सड़क और फुटपाथ पर रखे तख्त-बेंच रख किए गए अतिक्रमणों को तोड़ा गया। जिसका कुछ दुकानदारों ने नगर निगम के सामने अर्थी के साथ ड्रामा किया। उन्होंने अर्थी पर मुख्यमंत्री का फोटो लगा रखा था। पुलिस की समझाइश के बाद मौके से हटे। बिजलीघर से कुम्हेर गेट तक मुख्य बाजार में दुकानदारों के अतिक्रमणों से रोजाना जाम लगता है। जिससे बाजार में आने वाले ग्राहकों और राहगीरों को बड़ी परेशानी का समाना करना पड़ रहा है। कुछ महीनों से अतिक्रमण-रोधी कार्रवाई नहीं होने से बाजार में फिर से अतिक्रमण होना शुरू हो गए। ऐसे में जिला कलेक्टर ने मंगलवार को बैठक में अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश दिए। इस पर सुबह छह बजे नगर निगम और पुलिस की टीम बाजार में निकली।
दुकानों के बाहर सड़कों पर तख्त और बैंच लगा अतिक्रमण कर रखे थे। इन्हें जंजीरों से बांध कर रखा हुआ था। ऐसे में इन्हें एस्केवेटर की सहायता से तोड़ा गया। जिन्हें ट्रॉली में भर कर मौके से हटाया गया। देर शाम भरतपुर व्यापार महासंघ की रात 8 से रात 10 बजे तक दो घंटे तक अग्रवाल धर्मशाला खिरनीघाट पर बैठक हुई, जिसमें तय किया गया कि व्यापारियों की मांगों को लेकर जल्दी ही प्रतिनिधिमंडल प्रशासन से मिलने जाएगा और पूछेगा भरतपुर को कैसा चाहते हैं और क्या प्लानिंग है। फिर उसके अनुसार व्यापारियों को समझाकर उसके हिसाब से चलने की व्यवस्था की जाएगी।
महासंघ के अध्यक्ष भगवानदास बंसल ने बताया कि व्यापारी अतिक्रमण हटाने के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन ये तरीका और समय गलत है। जिसमें व्यापारियों का अतिक्रमण हटाने के साथ-साथ उनकी शटर आदि तोड़कर नुकसान भी कर दिया। साथ ही व्यापारियों के नुकसान व बदतमीजी की निंदा की गई। उन्होंने कहा कि 20 प्रतिशत व्यापारी अतिक्रमण करके गलत कर रहे हैं, उन्हें समझाकर सुधारेंगे।
दुकानदारों ने की ड्रामेबाजी
दस्ते के कार्रवाई शुरू करते ही दुकानदारों ने एक-दूसरे को फोन करना शुरू कर दिया। सुबह सात बजे कुछ दुकानदार नगर निगम के सामने एकत्र हुए। उन्होंने सामान मंगाकर अर्थी बनवाई। बाद में उस पर सीएम का फोटो लगा निगम के दरवाजे पर रख दिया। हांडी और फूलमालाएं रख रोने-धोने का नाटक करने लगे। नौटंकी में शामिल दुकानदार इस दौरान हंस रहे थे। इसी से जाहिर है कि दुकानदार खुद को पीड़ित दिखाने का नाटक कर रहे थे। बाद में रास्ता रोक वहीं बैठ गए। एक घंटे तक चले नाटक के बाद दुकानदारों ने अर्थी निकालने का प्रयास किया।