भरतपुर/बाड़मेर। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के तहत खुद का व्यवसाय लगाने में युवा काफी उत्साह दिखा रहे हैं। इस योजना में केंद्र सरकार की ओर से अलग-अलग क्षेत्रों के लिए 10 से 50 लाख तक की वित्तीय सहायता दिलाई जा रही है। 10 लाख तक का ऋण तो बिना शैक्षणिक योग्यता देखे ही उपलब्ध कराया जा रहा है। योजना में सरलीकरण से अब बड़ी संख्या में युवा आवेदन कर रहे हैं। वित्तीय वर्ष 20 23- 24 में अब तक 12088 लोगों ने आवेदन कर दिया है। जबकि लक्ष्य 3851 युवाओं को ऋण उपलब्ध कराने का है। इनमें से 3333 आवेदन नोडल एजेंसी की जांच में निरस्त किए जा चुके हैं। जबकि इनसे ज्यादा 4113 आवेदन बैंक में रिजेक्ट हो गए हैं। बावजूद इसके लक्ष्य से ज्यादा आवेदन शेष हैं, जिन्हें बैंकों से ऋण दिया जाएगा। वर्ष 2021 से 2024 तक हर वर्ष 10 हजार आवेदन आ रहे हैं।
2022-23 में 9230, तो सबसे ज्यादा 2020-21 में 13359 आवेदन भरे गए थे। जबकि ऋण वितरण का लक्ष्य 2036 ही निर्धारित किया गया था। योजना में उद्योग के लिए अधिकतम 25 लाख, सेवा क्षेत्र के लिए अधिकतम 10 लाख तक का ऋण बैंक के माध्यम से मंजूर किया जा रहा है। एक समय बाद 50 लाख तक का ऋण स्वीकृत किया जा सकता है। इस योजना में आवेदक की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए। सामान्य श्रेणी के युवाओं को 10 प्रतिशत व आरक्षित वर्ग के युवाओं को परियोजना लगाने से पहले 5 प्रतिशत अंशदान देना होगा। सामान्य श्रेणी के उद्यमियों को शहरी क्षेत्र में परियोजना लागत का 15 प्रतिशत जमा कराना होता है।
गैर कृषि क्षेत्र में छोटे उद्योगों में बढ़ रहे रोजगार
इस योजना के तहत, नए उद्यम स्थापित करने के लिए बैंकों से ऋण लेने वाले लाभार्थियों को सब्सिडी दी जा रही है। नए उद्योग के लिए विनिर्माण क्षेत्र में 50 लाख रुपए और सेवा क्षेत्र में 20 लाख रुपए का प्रावधान है। देश में वर्ष 2023-24 में 900.23 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी गई , जिससे 176400 लोगों को रोजगार मिला है।