जयपुर। जिले समेत प्रदेश के अन्य शहरों के सरकारी हॉस्पिटलों में कार्यरत ईसीजी टेक्नीशियन ने सरकार के एक निर्णय का विरोध शुरू कर दिया। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में 1965 के सेवा नियमों में बदलाव करने से नाखुश इन टेक्नीशियन ने हेल्थ मिनिस्टर, मुख्य सचिव और प्रमुख शासन सचिव हेल्थ डिपार्टमेंट को पत्र लिखकर बदलाव किए जा रहे इन नियमों में ईसीजी संवर्ग में कैडर और प्रमोशन चैनल को शामिल करने की मांग की है।
राजस्थान ईसीजी टेक्नीशियन कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष संजय कुमार दहिया ने बताया- प्रदेश में पैरामेडिकल के जितने भी संवर्ग (लैब टेक्नीशियन, रेडियोग्राफर, ओ.टी टेक्नीशियन, डायलेसिस टेक्नीशियन, कैथलेब, ओप्थेलिमिक टेक्नीशियन इत्यादि) है, उन सब के कैडर और उनके प्रमोशन चैनल सर्विस रूल्स में निर्धारित है। लेकिन एकमात्र ईसीजी टेक्नीशियन संवर्ग ऐसा है, जिसके न तो कैडर निर्धारित है और न प्रमोशन चैनल। आज राज्य में 362 ईसीजी टेक्नीशियन है, जो अपने प्रमोशन का इंतजार देख रहे है, लेकिन उनके प्रमोशन के लिए सर्विस रूल्स में कोई पद ही नहीं है।
संघ के महामंत्री एवं प्रवक्ता प्रतीक शर्मा ने बताया- जून 2023 में सरकार के स्तर पर हुई एक बैठक में ईसीजी टेक्नीशियन के कैडर प्रस्तावित करते हुए फाइल को कार्मिक विभाग को भिजवाया था। लेकिन उस पर कोई निर्णय किया नहीं और विभाग ने सेवा नियम 2025 बना दिए। उन्होंने बताया- जब जून 2023 में प्रस्ताव भेजा था, तब हमने कैडर का निर्धारण (ईसीजी टेक्नीशियन, सीनियर ईसीजी टेक्नीशियन, ईसीजी टेक्नीकल ऑफिसर और ईसीजी सुप्रीडेंट) करते हुए 5-5 साल के कार्य अनुभव के आधार पर प्रमोशन चैनल बनाने की मांग की थी।