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December 12, 2024 1:59 pm


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एसआई भर्ती : नियम 48 घंटे का, पर महीनों से जेल में बंद ट्रेनी एसआई का निलंबन ही नहीं

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Pankaj Garg

सच्ची निष्पक्ष सटीक व निडर खबरों के लिए हमेशा प्रयासरत नमस्ते राजस्थान

जयपुर। सरकारी कर्मचारी को 48 घंटे पुलिस हिरासत में रहने पर तत्काल निलंबित करने का नियम है। इसको लेकर कार्मिक विभाग ने भी सर्कुलर जारी कर रखा है, लेकिन कई महीने से जेल में बंद ट्रेनी सब इंस्पेक्टर अभी तक निलंबित नहीं किए गए हैं। फिलहाल, गिरफ्तार किए गए ट्रेनी एसआई के खिलाफ संबंधित जिलों के एसपी कार्रवाई के लिए पुलिस मुख्यालय के आदेश का इंतजार कर रहे हैं। इधर, पुलिस महकमें की इस चूक का आरोपी थानेदार अदालत में फायदा उठा सकते हैं। सब इंस्पेक्टर भर्ती पेपर लीक को लेकर एसओजी ने फरवरी 2024 में मामला दर्ज किया था। मार्च में एसओजी ने आरपीए में ट्रेनिंग ले रहे एसआई की गिरफ्तारियां शुरू कीं। राजस्थान सिविल सर्विस (क्लासिफिकेशन, कंट्रोल एंड अपील) रूल्स 1958 के अनुसार सरकारी कर्मचारी के 48 घंटे पुलिस हिरासत में रहने पर उसे ​िनलंबित किया जाएगा, लेकिन इस मामले में ऐसा न हुआ। आरपीए ने गिरफ्तार थानेदार के ट्रेनिंग से हटाने की सूचना जिला एसपी को भेज दी थी। आरपीए में ट्रेनिंग ले रहे सभी थानेदारों के जिले आवंटित हैं। उनका वेतन उसी जिले से मिलता है।

पेपर लीक में आरोपी 10 ट्रेनी एसआई को जमानत, 9 की याचिका खारिज

हाईकोर्ट ने एसआई भर्ती: 2021 पेपर लीक में दस आरोपियों करण पाल, एकता, मनोहर लाल, सुरेंद्र, रोहिताश कुमार, प्रेम सुखी, अभिषेक बिश्नोई, राजेश्वरी और नीरज कुमार व प्रवीण कुमार को जमानत दे दी। वहीं आरोपी डमी अभ्यर्थी गिरधारी, जगदीश सियाग, हरकू, चेतन मीणा, दिनेश सिंह, राजाराम, अंकिता गोदारा, भगवती बिश्नोई सहित हनुमान प्रसाद की जमानत याचिकाएं खारिज कर दीं। जस्टिस गणेश राम मीना ने यह आदेश आरोपियों की जमानत याचिकाओं पर दिया। डमी अभ्यर्थी गिरधारी राम की ओर से कहा कि उसके खिलाफ 10 लाख रुपए लेकर विक्रमजीत की जगह डमी अभ्यर्थी के तौर पर परीक्षा देने का आरोप है। जिस दिन परीक्षा थी वह जैसलमेर में शिक्षक के तौर पर स्कूल में था। वहीं विक्रमजीत के प्रवेश पत्र में लगी उसकी फोटो और परीक्षा के दौरान की दूसरी फोटो से यह साबित है कि उसने स्वयं ही लिखित परीक्षा दी थी। उसका नाम भी एफआईआर में नहीं है।

राज्य सरकार दो सप्ताह में बताए, एसआई भर्ती 2021 रद्द होगी या नहीं

हाईकोर्ट ने 859 पदों की एसआई भर्ती: 2021 में सरकार से दो सप्ताह में बताने के लिए कहा है कि वह भर्ती रद्द कर रही है या नहीं। आगामी सुनवाई 10 दिसंबर को सरकार को निर्णय बताने के लिए कहा है। वहीं तब तक भर्ती पर यथास्थिति रहेगी। साथ ही मामले में ट्रेनी एसआई पायल शर्मा व अन्य को भी पक्षकार बनाया है। जस्टिस समीर जैन ने यह निर्देश कैलाश चन्द्र शर्मा व अन्य की याचिका पर शुक्रवार को दिया। अदालत ने टिप्पणी की कि यह पब्लिक इंपोर्टेंस का केस है, एसओजी, पीएचक्यू अभिशंसा कर चुके हैं। एजी भी राय दे चुके हैं। इसके बावजूद सरकार को निर्णय लेने में इतना समय क्यों लग रहा है? अतिरिक्त महाधिवक्ता भुवनेश शर्मा पेश हुए और उन्होंने जवाब के लिए चार सप्ताह मांगे। अदालत ने कहा कि इतना समय क्यों मांगा जा रहा है? अतिरिक्त महाधिवक्ता ने भर्ती को लेकर सरकार का पक्ष बताने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा। अदालत ने उन्हें समय दे दिया।

पहला आरोपी बर्खास्त हो चुका, बाकी का कुछ नहीं

एसओजी ने सबसे पहले एक पुराने मामले में आरपीए से थानेदार डालूराम को गिरफ्तार किया था। डालूराम से पूछताछ के बाद ही सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा पेपर लीक का खुलासा हुआ था। उसे कोटा रेंज आईजी ने पहले निलम्बित और फिर बर्खास्त कर दिया। इसके बाद एक-एक कर पचास थानेदार गिरफ्तार हो गए, लेकिन उनके खिलाफ ऐसा कोई एक्शन नहीं लिया गया। सिर्फ जयपुर पुलिस कमिश्नरेट ने पांच थानेदारों को निलंबित किया है।

मई से पुलिस मुख्यालय के मार्गदर्शन का इंतजार

पेपर लीक में गिरफ्तार एसआई के मामलों में सबसे पहले उदयपुर आईजी ने एक थानेदार को निलंबित किया था, लेकिन बाद में निरस्त कर दिया था। पुलिस मुख्यालय ने तय किया कि इन मामलों में एक रूपता से निर्णय लिया जाएगा। मई 2024 में पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों को निर्देश भी दिए कि निर्णय लेने के बाद आपको अवगत करा दिया जाएगा। हालांकि अभी तक किसी निर्णय से अवगत नहीं कराया गया।

कई जिला एसपी को तो खबर ही नहीं दी गई

कई जिला एसपी को तो खबर ही नहीं है कि गिरफ्तार आरोपियों में उनके जिले में आवंटित थानेदार भी शामिल हैं। इसके अलावा कई ने रेंज आईजी को पत्र लिखकर मार्गदर्शन मांगा है। रेंज आईजी ने मुख्यालय के पत्र का हवाला देकर स्पष्ट कर दिया कि आदेश का इंतजार करें।

Author: JITESH PRAJAPAT

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