भरतपुर। पांचना डेम का पानी घना पक्षी विहार के पक्षियों के लिए बहार लेकर आया। पूरे 2 साल बाद घना में भरपूर पानी व खाना होने के कारण दिनों-दिन माइग्रेटरी बर्ड्स की संख्या बढ़ती जा रही है। इस बार घना पक्षी विहार में माइग्रेटरी बर्ड्स के अलावा 19 मछलियों की प्रजातियां देखने को मिली हैं। उद्यान प्रशासन की ओर से कराई फिश सैंपलिंग में इस बात का खुलासा हुआ। इससे पहले घना पक्षी विहार में 8 तरह की प्रजाती वाली मछलियां थीं। पक्षियों के कलरव को सुनने के लिए पर्यटकों की संख्या इस बार घना में अधिक देखने को मिल रही है। हर ओर घना में हरियाली छाई हुई है तो वहीं, भरपूर खाना और पानी पक्षियों के लिए संजीवनी बन रहा है। गाइड रनवीरा ने बताया कि 25 वर्ष बाद घना को पांचना बांध का पानी मिला है। सूखा पड़ने पर पहले अन्य बांध से पानी आता रहा है, लेकिन पांचना का पानी घना के लिए अमृत के समान है।
पक्षियों को लुभा रही घना की वनस्पति… इस बार पानी में आई मछलियां, जलीय वनस्पति पक्षियों को बहुत पसंद आ रहे हैं। डीएफओ मानस सिंह ने बताया कि पर्यटकों की संख्या बढ़े इसके लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। कोविड के बाद से पर्यटकों की संख्या को बढ़ाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। 2020-21 में 55,5,17, 2021-22 में 94777, 2022-23 में 98452 व 2023-24 में 81000 पर्यटकों की संख्या रही थी। विगत 2 वर्षों से पानी की किल्लत घना में रही। इस कारण पांचना का पानी घना के पक्षियों के लिए अमृत के समान ही है।
ये आई प्रजातियां…
- ट्राइकोगास्टर फासिआटा
- 2 पुंटियस सोफोर
- परम्बासिस लाला
- चंदा नामा
- साल्मोस्टोमा एसिनैसेस
- नोटोप्टेरस
- लेबियो रोहिता
- नोटोप्टेरिडे
- वालगो अट्टू
- एसोमस डैनरिस
- पुंटियस सरना
- ईल सपा
- चन्ना स्ट्रेटा
- झींगा, 15. कतला