दौसा। जिले के दिवाकर गांव की पायल गुर्जर ने अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो (तंजानिया) को फतेह किया है। पायल ने बारिश, बर्फबारी, कठिन व खड़ी चढ़ाई, फिसलन और कीचड़ भरे रास्तों और ऑक्सीजन की कमी के हालात में लगातार 4 दिन चढ़ाई चढ़ी। भारी शारीरिक थकान के बावजूद उसने 19 हजार 340 फीट ऊंची चोटी पर भारत का झंडा लहराया।
गांव में स्कूल में पढ़ी, अभी बीए बीएड कर रही
पायल की प्रारंभिक शिक्षा दिवाकर गांव के ही राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में हुई। इसके बाद जयपुर के स्कूलों में पढ़ाई की। वर्तमान में बीए बीएड पाठ्यक्रम के द्वितीय वर्ष में अध्यनरत हैं। पायल ने बताया- यह प्रेरणा अपनी मां सत्येश व पिता नेतराम गुर्जर से मिली। पिता नेतराम सेना की 123वीं बटालियन में सूबेदार के पद पर सोनमर्ग (जम्मू-कश्मीर) में तैनात हैं। पायल ने बताया- मेरा लक्ष्य पर्वतारोही बनकर गांव के साथ व देश का नाम विश्व में रोशन करना है। बेटियां किसी से कम नहीं हैं। मेरा अगला मिशन नेपाल स्थित माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा लहराना है। मैं इसके जरिए संदेश देना चाहती हूं कि बेटियां खूब पढ़ें, बाल विवाह रुकें, फिजूल खर्च बंद हो, सामाजिक कुरीतियां बंद हों। इसके साथ ही बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ-पानी बचाओ व मिट्टी बचाओ का नारा बुलंद करना मेरा लक्ष्य है।
पहले कई चोटियों पर लहरा चुकी तिरंगा
माउंट किलिमंजारो अफ्रीकी महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी है। यह तंजानिया में 19,340 फीट (5,895 मीटर) से ज्यादा की ऊंचाई पर स्थित है। पायल गुर्जर इससे पहले करीब 17 हजार फीट मचोई पीक, जोजिला दर्रा (द्रास) व लगभग 18 हजार फीट नुन कुन पीक बेस कैंप, ग्लेशियर (लद्दाख) व कश्मीर ग्रेट लेक एक्सपीडिशन व देश की कई और भी पर्वत मालाओं के उच्च शिखरों पर तिरंगा लहराकर कीर्तिमान स्थापित कर जिले की पहली पर्वतारोही बन गई हैं।