जोधपुर। ‘इस एक कागज ने अब मेरी जिंदगी बदल दी है। मैं पढ़ नहीं पाई लेकिन मेरे बच्चे अब सरकारी स्कूल में पढ़ाई कर सकेंगे। उनका इलाज भी करवा पाऊंगी। हर बात में हमारे सरकारी कागजात मांगे जाते थे। जब यहां के नागरिक ही नहीं कहलाते तो कागज कहां से लाते। 7वीं क्लास में पढ़ाई इसलिए छुट गई क्योंकि डॉक्यूमेंट नहीं थे।’ अब 25 साल बाद मेरा इंतजार खत्म हुआ। हम तीनों भाई-बहन अब भारत के नागरिक हो गए हैं। अपने देश में रहकर भी पराए होने का एहसास होता था। बचपन से विस्थापितों का ठप्पा लगा था अब भारत की नागरिकता मिलने पर एक अलग ही सुकून है। यह कहना है 28 साल पहले अपने माता-पिता के साथ पाकिस्तान से भारत आई केसरी का।
25 साल का इंतजार खत्म
जोधपुर के एसएन मेडिकल कॉलेज में नागरिकता कैंप लगा था। कैंप में केसरी, उनकी बहन नाइसा और भाई विजय को भारतीय नागरिकता मिल गई। नाइसा ने कहा- यह खुशी ऐसी ही है, जैसे एक रेंटल हाउस से अपने खुद के घर में रहना। इसकी 25 साल से कोशिश कर रहे है। हम तीनों भाई-बहन आगे पढ़ना चाहते थे। नागरिकता के अभाव में कोई डॉक्यूमेंट नहीं था इसलिए पढ़ाई सातवीं कक्षा में छोड़ दी थी। अब नागरिकता मिलने पर राशन कार्ड, आधार कार्ड और मेरिज सेर्टिफिकेट बन जाएगा। इन डॉक्यूमेंट से अब मेरी बेटी की पढ़ाई नहीं रुकेगी।
ऑनलाइन प्रोसेस पुरा
दिव्यांग कविता के पिता वीरु भी कैंप में इस आस से आए थे कि बेटी को नागरिकता मिल जाए लेकिन अभी ऑनलाइन प्रोसेस पुरा हुआ है। उनका कहना है- प्रमाण-पत्र मिल जाता तो पोलियो ग्रस्त बेटी के इलाज के लिए सरकारी अस्पताल में सुविधा मिल जाती। उनका कहना है- 2010 में भारत आ गए थे। परिवार में सभी को नागरिकता मिल चुकी है। डबल इंजन की सरकार है, अब बाकी लोगों का भी काम हो जाए तो अच्छा है।
एलटीवी मिल जाए तो आधार कार्ड बन जाए
विस्थापितों के लिए काम करने वाले एक्टिविस्ट किशन सोलंकी ने कहा- अभी भी कई नागरिक नागरिकता के इंतजार में है। अगर केंद्र सरकार समय पर एलटीवी भेज दे तो इन विस्थापितों का आधार कार्ड बन जाए जिससे सरकारी सुविधाओं से वंचित न हो। 2000 बच्चे एलटीवी का वेट कर रहे है। 4 एसएन मेडिकल कॉलेज में आज लगे कैंप में 24 पाक विस्थापितों को नागरिक प्रमाण पत्र-मिल गया वहीं 60 लोगों को स्वीकृति मिली है। कार्यक्रम में जोधपुर शहर विधायक अतुल भंसाली संभागीय महापौर वनिता सेठ, आयुक्त डॉ. प्रतिभा सिंह, कलेक्टर गौरव अग्रवाल के साथ गणमान्य लोग उपस्थित रहे। दो दिवसीय कैंप में पहले दिन पाक विस्थापितों के कल्याण के लिए बनाई गई समितियों के प्रतिनिधि के साथ तमाम सरकारी एजेंसियों के प्रतिनिधि भी विस्थापितों के निराकरण के लिए एक मंच पर इक्ट्ठा हुए। कैंप के माध्यम से विस्थापितों के डॉक्यूमेंट में आ रही समस्या के साथ विभागीय स्तर पर आ रही समस्याओं का निराकरण किया गया। इसके साथ डॉक्यूमेंट में किसी तरह की कमी पाए जाने पर उनके कर्मियों को पूर्ण करने के लिए मदद भी की जा रही है इससे विस्थापितों को विभिन्न विभागों में बार-बार घूमने से निजात मिली है।
24 पाक विस्थापितों को नागरिकता दी
कैंप के दूसरे दिन विशेष नागरिक शिविर के आयोजन के तहत पात्र पाक विस्थापितों को सर्टिफिकेट बांटकर नागरिकता दी गई। शहर विधायक अतुल भंसाली ने बताया- हमारे पाक विस्थापित भाई-बहनों को आज नागरिकता मिली है। वे अब भारत के नागरिक कहलाएंगे, इसके साथ ही राज्य सरकार का भी धन्यवाद कि उन्होंने इनकी प्रक्रिया को सरल कर नागरिकता दी। कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने बताया कि हाल ही दिनों में 24 पाक विस्थापितों को नागरिकता दी गई है। इससे पहले हमने एक बड़ा शिविर आयोजित करते हुए 378 पाक विस्थापितों को नागरिकता दी थी।