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July 7, 2025 12:39 am


‘आध्यात्मिक जीवन को जीते हुए भगवान शिव की उपासना की’ : सह संघचालक बोले-अहिल्याबाई नारीत्व का आदर्श उदाहरण, त्रिशताब्दी जन्म जयंती समारोह आयोजित

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Pankaj Garg

सच्ची निष्पक्ष सटीक व निडर खबरों के लिए हमेशा प्रयासरत नमस्ते राजस्थान

बाड़मेर। पुण्यश्लोक लोकमाता अहिल्याबाई जन्म जयंती आयोजन समिति बाड़मेर की ओर से अहिल्याबाई होलकर 300 जन्म जयंती का आयोजन किया गया। इस पर भव्य विचार संगोष्ठी का आयोजन स्थानीय महावीर टाउन हॉल बाड़मेर में संपन्न हुआ। आरएसएस के सह संघचालक अमृतलाल ने अपनी स्पीच में कहा कि अहिल्याबाई विपदाओं के बाद भी राज्य की आर्थिक सैन्य व व्यापारिक गतिविधियों को मजबूत किया था। उन्होंने आध्यात्मिक जीवन को जीते हुए भगवान शिव की उपासना की। आयोजन समिति के भोमसिंह सुंदरा व मेघराजसिंह राजपुरोहित ने बताया- कार्यक्रम का शुभारंभ भारत माता व अहिल्याबाई होलकर की तस्वीर के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। अतिथियों के स्वागत के पश्चात कार्यक्रम संयोजिका वंदना तापडिया द्वारा स्वागत उद्बोधन दिया गया। ललिता की ओर से काव्य गीत गायन के पश्चात कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत हुई।

सह संघचालक बोले- आध्यात्मिक जीवन को जीते हुए भगवान शिव की उपासना की।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसवेक संघ के सह संघचालक अमृतलाल ने संबोधित करते हुए कहा- अहिल्याबाई नारीत्व का एक आदर्श उदाहरण है। अनेक अपनो के बिछड़ने के बाद भी समाज में साधारण वेश में रहकर जनता की सेवा की राजपरिवार का संचालन किया। आध्यात्मिक जीवन को जीते हुए भगवान शिव की उपासना की। विभिन्न विपदाओं के बाद भी राज्य की आर्थिक सैन्य व व्यापारिक गतिविधियों को मजबूत किया। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अपनी सैनिक टुकड़ी में पांच सौ महिलाओ को शामिल किया। महिलाओ के स्वयं सहायता समूह बनाकर आर्थिक दृष्टि से मजबूत किया। अपने राज्य को आंतरिक व बाहरी ताकतों से बचाए रखा। देश व समाज कल्याण के कार्य करते हुए अपना जीवन एक प्रेरक के रुप में जीया उनकी जीवनी से हमे प्रेरणा लेनी चाहिए।

अहिल्याबाई एक श्रेष्ठ बेटी, श्रेष्ठ माता व श्रेष्ठ पत्नी के रूप में हमेशा जानी जाती है

मुख्य अतिथि डॉ. सीमा मितल ने कहा- अहिल्याबाई एक श्रेष्ठ बेटी, श्रेष्ठ माता व श्रेष्ठ पत्नी के रूप में हमेशा जानी जाती है इनका आदर्श जीवन एक सभ्य समाज के लिए प्रेरणादायक है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही पुष्प कंवर शेखावत ने कहा- अहिल्या बाई शक्ति स्वरुपा है, वीर,धीर व गंभीर नारीत्व का आदर्श आध्यात्मिक नारीत्व के गुण त्याग व समर्पण की प्रति मूर्ति है। उनका जीवन अभावों व संकटों से भरा हुआ व संघर्ष पूर्ण रहा है जो आज की महिलाओ के लिए एक प्रेरणा की प्रति मूर्ति है। राष्ट्रीय खिलाड़ी प्रियंका राजपुरोहित, डॉ प्रदीप राठी ने भी अपने विचार व्यक्त किए। प्रोग्राम का संचालन खुशबू खत्री ने किया।

यह रहे उपस्थित

इस दौरान सुरेंद्र मेहता,अशोक कुमार दवे, अभय पालीवाल, किशनसिंह,अरविंद तापडिया,अंबालाल जोशी,गोपालसिंह राजपुरोहित,पृथ्वी चंडक,गजेंद्रसिह खारा, खगेंद्रकुमार,सुरेश चौधरी,जगदीश लंगेरा,दुर्गा तिवाड़ी, भावना चौधरी, ममता सोनी, राधा रामावत, अनीता चौहान,सुनिता जांगिड़, दीपू, हिना खत्री,मांगीलाल जैन,रेखाराम नांद आदि उपस्थित रहें।

Author: JITESH PRAJAPAT

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