श्रीगंगानगर। जिले में जवाहर नगर में ढाई माह पहले एक व्यक्ति से मोबाइल पर कॉल कर 5 लाख 10 हजार हजार रुपए की ठगी मामले में पुलिस ने 2 आरोपियों को छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले के टीकरापारा से गिरफ्तार किया है। दोनों ने मिलीभगत कर खुद को पीड़ित का परिचित बताते हुए मेडिकल इमरजेंसी बताई और पांच से छह लाख रुपए की जरूरत बताई। पीड़ित आरोपी की आवाज पहचान नहीं पाया और उसने 5 लाख 10 हजार रुपए आरोपी के खाते में डाल दिए।
इस संबंध में 17 अक्टूबर को दर्ज मामले में जवाहर नगर निवासी अजय चड्ढा पुत्र राजकुमार चड्ढा ने बताया कि 21 सितंबर को उसके पास एक फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को अजय का परिचित राकेश मातवा बताया। अजय की मातवा से पहचान होने के कारण उसने फोन करने वाले की बातों पर विश्वास कर लिया। फोन करने वाले ने बताया कि उसे मेडिकल इमरजेंसी है। 5 से 6 लाख रुपए की जरूरत बताते हुए रुपए की मांग की।
फोन करने वाले ने अजय को कहा कि वह उसे अपने बहनोई चंदन बिश्वास का नंबर भेज रहा है। इस नंबर पर रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर कर दें। मेडिकल इमरजेंसी होने के कारण अजय ने ज्यादा पूछताछ नहीं की और हाथो हाथ 5 लाख 10 हजार रुपए कॉल करने वाले बताए चंदन बिश्वास के खाते में डाल दिए। बाद में जब इस बारे में जानकारी जुटाई और मातवा से बात की तो उन्होंने ऐसी कोई कॉल करने से इनकार किया। इस पर अजय को अपने साथ हई ठगी का पता चला। इस पर जवाहर नगर थाने में अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया।
जिन नंबरों से कॉल आई उन्हें पुलिस ने ट्रेस किया तो ये नंबर छत्तीसगढ़ में रायपुर के टीकरापारा के हाेने का पता चला। इस पर इन नंबरों को सर्च किया गया। इनकी लॉकेशन सर्च कर टीम वहां पहुंची और 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी चंदन बिश्वास पुत्र रवींद्रनाथ बिश्वास टीकरापारा में आरडीए कॉलोनी का रहने वाला है जबकि उसका साथी वीरेंद्र सिंह चौहान पुत्र चूनासिंह राजपूत रायपुर के संजय नगर का रहने वाला है और अभी टीकरापारा की आरडीए कॉलोनी में चंदन बिश्वास के पड़ोस में ही रह रहा है। दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है। अब उनके पुराने आपराधिक रिकॉर्ड और श्रीगंगानगर इलाके में उनकी की गई ठगी की वारदातों का पता किया जा रहा है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।