जयपुर। बीजेपी नेता और पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस अरविंद कुमार की पीठ ने मलिंगा को जमानत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को जमानत की शर्तें तय करने के लिए कहा है। राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि आरोपी पर गंभीर आरोप है। दरअसल, गिर्राज सिंह मलिंगा पर विधायक रहते हुए बिजली विभाग के AEN और JEN पर हमले का आरोप है। मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मलिंगा ने 20 नवंबर को धौलपुर जिले के एससी-एसटी कोर्ट में सरेंडर किया था। सुप्रीम कोर्ट ने मारपीट मामले में 8 नवंबर को सुनवाई के दौरान मलिंगा को 2 सप्ताह में सरेंडर करने के लिए कहा था। कोर्ट ने कहा था कि सरेंडर करने के 4 सप्ताह बाद कोर्ट मामले में सुनवाई शुरू करेगी।
AEN-JEN के साथ मारपीट करने का आरोप
धौलपुर के बाड़ी डिस्कॉम ऑफिस में 28 मार्च 2022 को AEN हर्षदापति और JEN नितिन गुलाटी के साथ मारपीट हुई थी। एईएन हर्षदापति ने तत्कालीन कांग्रेस विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा और अन्य लोगों के खिलाफ 29 मार्च को मारपीट करने, राजकार्य में बाधा डालने और एससी-एसटी एक्ट में केस दर्ज कराया था। मामले में 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
घटना के बाद तत्कालीन धौलपुर एसपी शिवराज मीणा का भी तबादला कर दिया गया था। बिजली विभाग के इंजीनियर्स के साथ मारपीट होने के बाद निगम के कर्मचारियों में आक्रोश भड़क गया था। गिर्राज मलिंगा ने 11 मई को जयपुर के तत्कालीन पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव के सामने सरेंडर किया था। 12 मई की दोपहर को उन्हें एससी-एसटी कोर्ट में पेश किया गया। जहां से कोर्ट ने मलिंगा को 15 दिन की ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया था।
हाईकोर्ट ने कहा था- जमानत का मिस यूज किया
धौलपुर के बाड़ी डिस्कॉम ऑफिस में AEN और JEN को पीटने के मामले में आरोपी गिर्राज सिंह मलिंगा को 17 मई 2022 को हाईकोर्ट ने जमानत दी थी। 5 जुलाई को AEN हर्षदापति की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने माना था कि मलिंगा ने जमानत का मिस यूज किया। इसके चलते कोर्ट ने उनकी जमानत को निरस्त कर दिया था।
हर्षदापति की ओर से कहा गया था कि मलिंगा ने कोर्ट से कोरोना का बहाना बनाकर जमानत का लाभ लिया था। जमानत मिलते ही उन्होंने जुलूस निकाला था। मामले में पीड़ित और गवाहों को धमकाया था। ऐसे में आरोपी की जमानत याचिका को निरस्त किया जाए।
बीजेपी के टिकट पर लड़ा था पिछला चुनाव
गिर्राज सिंह मलिंगा ने साल 2023 में बीजेपी के टिकट पर बाड़ी विधानसभा सीट से चुनाव भी लड़ा था, लेकिन बसपा के जसवंत सिंह गुर्जर से हार गए। इससे पहले मलिंगा लगातार 15 साल तक बाड़ी सीट से विधायक रहे थे।
मलिंगा ने 2008 में पहली बार बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और विधायक बने। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस जॉइन कर ली थी। कांग्रेस के टिकट पर वे 2013 और 2018 में विधायक बने। 2023 के चुनाव में जब कांग्रेस ने उनको टिकट नहीं दिया तो उन्होंने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी जॉइन कर ली थी।