अजमेर। जिले के भिनाय थाने में तैनात एक कॉन्स्टेबल ने जब्त किए हुए डोडा-पोस्त के 36 कट्टे बेच दिए। वह 2 कट्टों की चोरी करते पकड़ा गया। कॉन्स्टेबल खुद मालखाने का एलसी था। ऐसे में किसी को उसकी करतूत की भनक नहीं लगी। अब एसपी ने उसे सस्पेंड कर दिया है। जानकारी के अनुसार भिनाय पुलिस थाने में तैनात कॉन्स्टेबल दशरथ ने जब्त कंटेनर से डोडा-पोस्त के 38 कट्टे चुराए थे। पैसों के लालच में उसने रात में एक-एक कर 36 कट्टे चोरी कर बेच दिए। मालखाने का एल.सी. होने के कारण किसी को इसकी भनक तक नहीं लगने दी। दो कट्टे निकालते हुए उसे थाने के ही पुलिसकर्मियों ने पकड़ लिया। पकड़े जाने तक वह थाना परिसर में ही खड़े जब्तशुदा कंटेनर से निकालकर आधे से ज्यादा यानी 794.200 किलो डोडा पोस्त बेच चुका था। इसकी बाजार में कीमत करीब 80 लाख रुपए बताई जा रही है। मामला उजागर होने के बाद एसपी वंदिता राणा ने उसे सस्पेंड कर दिया।
मुकदमा दर्ज कर जांच सीआई को सौंपी
आरोपी कॉन्स्टेबल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच तीन दिन पहले ही केकड़ी पुलिस थाने की सीआई कुसुमलता मीणा को सौंपी गई है। प्रारंभिक पड़ताल में दशरथ ने पूछताछ में बताया कि उसने अलग-अलग तारीखों में डोडा-पोस्त के कट्टे चोरी छिपे निकालकर बेच दिए। भिनाय पुलिस थाने के तत्कालीन थानाधिकारी नाहर सिंह उप निरीक्षक ने 18 अगस्त 2023 को एनडीपीएस एक्ट में कन्टेनर को माल सहित जब्त किया था। इसमें डोडा पोस्त के 74 प्लास्टिक के कट्टे थे। इन कट्टों का कुल वजन 1469.950 किलोग्राम था। बाद में 794.200 किलो ग्राम डोडा पोस्त कम पाया गया। ऐसे में मालखाने के एलसी दशरथ से पूछा तो बताया कि ये कट्टे मैंने दो तीन माह पूर्व में ही अलग अलग तारीख को चोरी छिपे निकालकर बेच दिए। दशरथ करीब ढाई महीने से एलसी का काम कर रहा था।
कॉन्स्टेबल दशरथ को पुलिस ने ऐसे पकड़ा, बाजार में कीमत करीब ₹ 80 लाख
दर्ज एफआईआर के मुताबिक थानाधिकारी ओम प्रकाश को 10 नवंबर की रात 10.26 बजे कॉन्स्टेबल सुमेर ने फोन पर बताया कि साथी पुलिसकर्मी अर्जुनलाल ने मुझे और कॉन्स्टेबल दिनेश को बैरक से जगाया। कहा कि मालखाना एल.सी. दशरथ थाना परिसर में खड़े कन्टेनर का पीछे का गेट खोलकर डोडा-पोस्त निकाल रहा है।
हम तीनों ने बैरक की छत पर जाकर देखा तो दशरथ कन्टेनर से डोडा पोस्त के कट्टे नीचे डाल रहा था।
कन्टेनर के पास वालीबॉल खेल का मैदान है। जहां बड़ी लाइट लगी थी। ऐसे में दशरथ की करतूत साफ नजर आ रही थी। ड्यूटी ऑफिसर मदन लाल भी बैरक की छत पर आ गए और दशरथ को कट्टे बाउंड्री की ओर ले जाते देखा।
सूचना पर भिनाय थाना इंचार्ज ओमप्रकाश अपने निवास से थाना परिसर में आए और दशरथ को मौके पर पाया। उसी समय थाने का अन्य स्टाफ पुलिसकर्मी मनमोहन, अरूण आदि भी आ गए। सभी मौजूदा स्टाफ के सामने दशरथ से दीवार के पास पड़े कट्टों के बारे में पूछा तो बताया कि इन्हें बेचने की नीयत से रखे थे।
जांच के बाद दशरथ को निलंबित कर उसके खिलाफ धारा 316 (5) बीएनएस में मुकदमा दर्ज किया गया है।