दौसा। जिले में कार पर ट्रक पलटने के हादसे में 3 लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में कई स्तर की लापरवाही सामने आई है। हादसा सोमवार शाम को मेहंदीपुर बालाजी थाना इलाके में हुआ था। सोमवार देर रात सिकराय अस्पताल में मृतकों की पहचान ग्वालियर (मध्यप्रदेश) निवासी कंचन पुत्र राघवेन्द्र, सुमित पुत्र भानुप्रताप और बाड़ी (धौलपुर) निवासी देवेन्द्र पुत्र निहालसिंह के रूप में हुई। हादसे में कार ड्राइवर आशीष पुत्र सिद्धार्थ भदौरिया व एक अन्य घायल हो गए। दोनों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। पुलिस की सूचना पर परिजन मेहंदीपुर बालाजी के लिए रवाना हुए। उनकी मौजूदगी में आज पोस्टमॉर्टम कर शव सौंपे जाएंगे।
बालाजी के दर्शन कर लौट रहे थे
जानकारी के अनुसार- कंचन, सुमित और देवेंद्र व दो अन्य मेहंदीपुर बालाजी के दर्शन कर लौट रहे थे। बालाजी मोड से भरतपुर की ओर टर्न लेने के कुछ देर बाद ही ओवरलोड ट्रक उनकी कार पर पलट गया। हालांकि कार के पिछले हिस्से पर ही ट्रक पलटा, इससे बैक सीट पर सवार कंचन, सुमित और देवेंद्र की मौत हो गई।
जबकि ड्राइवर आशीष और फ्रंट सीट पर सवार एक अन्य युवक की जान बच गई। उन्हें मामूली चोट आई। पूरे घटनाक्रम पर ट्रक ड्राइवर और प्रशासन की लापरवाही सामने आई।
लहराता हुआ आया और पलट गया ट्रक
प्रत्यक्षदर्शी बालाजी मोड़ पर दुकानदार राकेश कुमार ने बताया- ट्रेलर लहराता हुआ तेज रफ्तार में आ रहा था। उसने बेकाबू होकर पहले उसने पिकअप को टक्कर मारी। फिर लहराता हुआ कार पर पलट गया। धमाके की आवाज सुनकर लोग मदद के लिए दौड़े।
कुछ ही देर में बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए। कार में पांच लोग सवार थे, जिनमें से तीन लोग पीछे और दो लोग आगे की सीट पर बैठे हुए थे। हादसे के बाद ड्राइवर मौके से फरार हो गया।
ट्रैफिक दबाव के बावजूद बंदोबस्त नहीं
जयपुर-आगरा नेशनल हाईवे पर स्थित मेहंदीपुर बालाजी मोड़ तिराहे पर हमेशा ट्रैफिक का दबाव बना रहता है। यहां जयपुर-भरतपुर की तरफ आवाजाही के लिए यात्री वाहनों के अलावा अन्य भारी वाहनों की रेलमपेल बनी रहती है। इसके बावजूद कट पर न ब्रेकर हैं न बैरिकेडिंग।
बालाजी महाराज के दर्शनों के लिए देशभर से आने वाले यात्रियों के निजी वाहन भी तिराहे से क्रॉसिंग करते रहते हैं। लेकिन भारी ट्रैफिक दबाव के बावजूद नियम अनुसार बंदोबस्त नहीं होने से हमेशा हादसों का खतरा बना रहता है।
तिराहे पर सर्विस लेन के बावजूद सड़क पर वाहनों की अवैध पार्किंग से अव्यवस्थाएं बनी रहती हैं, लेकिन व्यवस्था सुधारने की ओर जिम्मेदारों का ध्यान नहीं है।