अलवर। 26 दिनों से अलवर के आरआर कॉलेज के जंगल में घूम रहा लेपर्ड पिंजरे में नहीं आ सका। अब जंगल के बाहर के खेतों में भी लेपर्ड जाने लगा है। जिससे आसपास की आबादी को डर है। गुरुवार दोपहर को वन मंत्री संजय शर्मा DFO सहित अन्य अधिकारियों के साथ आरआर कॉलेज के जंगल में पहुंचे। वहां जंगल में लेपर्ड के शिकार करने की जगह तक गए। उसके बाद वन अधिकारियों से जानकारी लेकर कहा कि लेपर्ड को पकड़ने के प्रयास तेज कर जल्दी पकड़ा जाएगा। अभी यहां सघन जूलीफ्लोरा का जंगल है। जिसके कारण लेपर्ड को ट्रेस नहीं किया जा सका।
वन मंत्री ने कहा कि जंगल में कैमरा ट्रैप लगे हैं। पगमार्क बराबर दिखे हैं। पिंजरे के पास पैंथर आता है लेकिन घुसता नही है। आने वाले समय में पूरा विश्वास है कि पैंथर को पकड़ेंगे। पैंथर शर्मिला है। लेकिन तेज भी है। वह तभी हमला करता है जब उसे लगे कि वह खुद खतरे में हैं। अभी लेपर्ड आरआर कॉलेज परिसर के जंगल में हैं। कभी बाहर भी जाता है। लेकिन वापस आता है। हम प्रयास कर रहे हैं जल्दी उसे पकड़ कर सरिस्का के जंगल में छोड़ेंगे। यहां जूलीफ्लोरा का सघन जंगल है। यहां नील गाय, मोर व सूअर बहुतायत में है। यहां कुत्ते भी खूब हैं। इस कारण लेपर्ड को पर्याप्त भोजन मिल जाता है और पानी भी हैं।
1 दिसंबर को पहली बार दिखा
आरआर कॉलेज के जंगल में एक दिसंबर को पहली बार लेपर्ड मुख्य गेट के पास घूम रही महिलाओं को नजर आया था। उसके बाद लेपर्ड केवल पार्किंग संचालक को दिखा है। बाकी वनकर्मियों को एक बार भी नजर नहीं आया है। इस वजह यह माना जा रहा है कि लेपर्ड इस जंगल में कई महीनों से घूम रहा था। हालांकि यह सब जांच का विषय है। इस बारे में किसी के पास अधिकृत तथ्य नहीं हैं।