डूंगरपुर। चिखली पंचायत समिति से भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) की महिला प्रधान शर्मिला ताबियाड के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया है। बीएपी के 6 सदस्य अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए और जिला परिषद के सीईओ को सौंपा। प्रधान शर्मिला के पति बदामीलाल ताबियाड डेढ़ महीने पहले हुए चौरासी विधानसभा उपचुनाव में बीएपी से बगावत कर निर्दलीय चुनाव में खड़े हुए थे, जिसके बाद अविश्वास प्रस्ताव को बगावत से जोड़कर देखा जा रहा है। चिखली पंचायत समिति में 17 मेंबर है।
चिखली पंचायत समिति के 6 मेंबर का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को डूंगरपुर जिला परिषद पहुंचा। वार्ड संख्या 10 कोचरी से सदस्य शीला पारगी, वार्ड 17 से प्रियंका, वार्ड 3 से मणि, वार्ड 15 धनगांव से निर्मला, पंचकुंडी वार्ड से संगीता डामोर और वार्ड 6 डूंगरसारण से भूरालाल रोत ने अविश्वास प्रस्ताव की कॉपी जिला परिषद सीईओ को सौंपी। सदस्यों ने कहा कि प्रधान की ओर से पंचायत समिति की बैठक आहूत नहीं की जा रही है। पंचायत समिति ने विकास को लेकर कोई काम भी नहीं करवाए जा रहे हैं। वहीं, सदस्यों की पूरी तरह से अनदेखी की जा रही है। बजट का उपयोग भी नहीं हो रहा है। सदस्यों ने प्रधान के कामकाज को लेकर नाराजगी जताते हुए अविश्वास प्रस्ताव दिया है। कोचरी से सदस्य शीला पारगी ने अन्य सदस्यों के भी अविश्वास प्रस्ताव में साथ होने का दावा किया है।
प्रधान पति ने बगावत कर चुनाव लड़ा, इसी का परिणाम अविश्वास प्रस्ताव
चिखली प्रधान शर्मिला ताबियाड के पति बदामीलाल ताबियाड ने चौरासी विधानसभा उपचुनाव में बीएपी से बगावत कर दी थी। बीएपी से टिकट नहीं मिलने पर बदामीलाल ने निर्दलीय चुनाव लड़ा। इसके बाद बीएपी ने बदामीलाल को पार्टी से निष्कासित कर दिया था। बीएपी से बगावत करने के बाद से ही प्रधान को भी हटाने को लेकर रणनीति बन गई थी। ऐसे में अविश्वास प्रस्ताव के पूरे मामले को बगावत से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि अविश्वास प्रस्ताव में कितने मेंबर बीएपी जुटा पाती है ये अविश्वास प्रस्ताव के लिए मतदान होने पर ही पता चलेगा।
बगावत की वजह से टारगेट कर रहे हैं
प्रधान शर्मिला के पति और बीएपी से बगावत करने पर निष्कासित बदामीलाल ताबियाड ने बताया कि विकास कोई मुद्दा नहीं है। सभी 17 वार्डों में सीसी सड़क, हैंडपंप, पुलिया ओर लोगों से जुड़े काम करवाए हैं। ये मुद्दा उपचुनाव ने बगावत को लेकर है। मैं बीएपी से था। टिकट मांगा था। नहीं दिया तो बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ा। इसलिए मुझे ओर प्रधान पत्नी को टारगेट किया जा रहा है, जबकि चुनाव में मेरी पत्नी ने कोई सपोर्ट तक नहीं किया।