अलवर। जिले के मालाखेड़ा के निकट केरवावाल ग्राम पंचायत के गांवों में ओलावृष्टि से सरसों की पूरी फसल चौपट हो गई और पटवारी ने रिपोर्ट में केवल 20 पर्सेंट खराबा दिखाया। इसके विरोध में सोमवार को गांव के लोग अलवर कलेक्टर के पास पहुंचे। यहां दुबारा से खराबे का आकलन कराने की मांग की है।
किसान बोले- फसल चौपट हुई
सरपंच खेमाराम ने बताया कि यहां आसपास के गांव में सरसों की फसल में कुछ नहीं बचा। फसल पूरी तरह चौपट हो गई। लेकिन पटवारी ने 10 फीसदी ओर 20 फीसदी ही खराब बताया। इसके विरोध में ग्रामीण एकत्रित होकर अलवर पहुंचे हैं। ताकि फसल खराबे का सही आकलन हो और किसानों को मुआवजा मिल सके।
सर्वे दोबारा कराने की मांग
खरखड़ा गांव से आए किसान कप्तान सिंह ने बताया कि हमारे गांव व उसके आस पास बुर्जा वाला, केरवावाल व खरखड़ा के खेतों में सरसों की फसल पूरी चौपट हो गई। चने की फसल में भी मोटा नुकसान है। लेकिन पटवारी पदम् सिंह ने मनमर्जी से आकलन कर आगे भेज दिया। उसके अनुसार फसल में 10 फीसदी ही खराबा हुआ है। जबकि खेतों के हालत देखने से साफ पता चलता है कि कुछ बचा नहीं है। यही नहीं ग्रामीणों ने पटवारी पर पैसे लेकर खराबे का आकलन बढ़ाने के आरोप लगाए हैं। ग्रामीणों ने कहा कि दुबारा सर्वे होगा तो स्पष्ट हो जाएगा। 27 दिसंबर की रात को पड़े ओलों से किसानों को मोटा नुकसान हुआ है। प्रशासन को किसान का सहयोग करना चाहिए। उल्टा गलत रिपोर्ट देने से किसानों में आक्रोश है।