जयपुर। पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने राजस्थान में जिले संभाग खत्म करने को लेकर पलटवार किया है। गहलोत ने कहा- राजस्थान के अंदर एक साल में ऐसी निकम्मी-नकारा सरकार रही है, जिसने कोई काम नहीं किया। एक साल में इनकी क्या उपलब्धि रही। यह बताते ही नहीं हैं। ये बताएं कि 1 साल की उपलब्धि क्या है?
गहलोत ने कहा- सरकार ने 9 जिलों को समाप्त कर दिया। इनको कोई पूछे नहीं कि आपकी उपलब्धि क्या है? ये जिले खत्म करना ही उपलब्धि बताएंगे। गहलोत प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया से बातचीत कर रहे थे।
मनमोहन सिंह के स्मारक पर केंद्र सरकार ने विवाद पैदा किया
गहलोत ने कहा- मरणोपरांत पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के सम्मान का केंद्र ने ध्यान नहीं रखा। स्मारक बनाने पर केंद्र ने विवाद पैदा किया। जहां दाह संस्कार करते हैं, वहीं स्मारक बनता है। राहुल गांधी ने ऑफर भी किया था कि इंदिरा गांधी और राजीव गांधी का जहां स्मारक है, वहीं बना दीजिए। उसके बावजूद भी विवाद पैदा करवाया गया। जब सरकार नाकाम रहती है तो ध्यान डायवर्ट करने के लिए इसी तरह विवाद पैदा करती है।
गहलोत ने कहा- पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के मामले में अगर एनडीए सरकार खुद ही आगे आकर उनके लिए स्मारक बनाने का काम करती तो यह विवाद पैदा ही नहीं होता। देश के पहले प्रधानमंत्री हैं, जिनका दाह संस्कार निगमबोध घाट पर हुआ। इसकी क्या जरूरत थी? इसे लेकर पूरे देश में बहुत रिएक्शन है। वो एक महापुरुष के रूप में स्थापित हो गए थे। उनका दाह संस्कार इस तरह किया। राहुल गांधी और खड़गे ने मुद्दा उठाया। केंद्र सरकार और बीजेपी के लोग अब सफाई देते घूम रहे हैं। जब पूरे देश से इन्हें फीडबैक मिला तो कह रहे हैं कि हम स्मारक बनाएंगे।
बिना मांग किए भैरोंसिंह शेखावत का स्मारक बनाया था
गहलोत ने कहा- मनमोहन सिंह के लिए कांग्रेस ने मांग की, खड़गे साहब ने पत्र लिखा। राजस्थान में तो भाजपा की कोई मांग नहीं थी, उनके परिवार वालों से बात हुई। अलग से हमने जगह दे दी। उनका स्मारक बनवाया, वे राजस्थान से पहले उप राष्ट्रपति थे।