जोधपुर। जोधपुर हाईकोर्ट ने फेक FIR के मामले में बाड़मेर SP नरेंद्र मीणा और कोतवाली SHO लेखराज सियाग से जवाब तलब किया है। हाईकोर्ट ने दोनों को अगली सुनवाई पर पेश होने के आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट के जज फरजंद अली ने सबूतों के आधार पर माना कि एसपी मीणा और हिस्ट्रीशीटर की स्कॉर्पियो आपस में नहीं टकराई थी। यह झूठे सबूत गढ़ने के लिए किया गया कृत्य है। आदेश में जज ने कहा- क्यों न उनके (SP-SHO) खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरू की जाए।
मामले की सुनवाई 28 जनवरी 2025 को होगी, इसमें दोनों पुलिस अधिकारियों को पेश होने के आदेश दिए गए हैं।
बाड़मेर में हुई थी युवक की किडनैपिंग
याचिकाकर्ता शैलेन्द्र सिंह राजपूत के वकील धीरेंद्र सिंह और उनकी सहायक वकील प्रियंका बोराणा ने बताया- पूरा मामला 8 मार्च 2025 का है। बाड़मेर के कोतवाली थाने में कॉन्स्टेबल पृथ्वी सिंह राजपुरोहित की ओर से FIR दर्ज करवाई गई थी। इसमें बताया गया कि राजपुरोहित SP नरेंद्र सिंह मीणा के सरकारी वाहन स्कॉर्पियो के ड्राइवर हैं। 28 मार्च को सुबह 12 बजे बाड़मेर शहर के राजकीय अस्पताल के आगे से काले रंग की स्कॉर्पियो में सवार होकर आए कुछ बदमाशों ने एक युवक का अपहरण कर लिया था। जिसकी तलाश में पुलिस के साथ बाड़मेर एसपी नरेंद्र सिंह मीणा लगे थे।
SP की SUV को स्कॉर्पियो से टक्कर मारने का आरोप था
FIR में बताया गया कि इसी दौरान शहर के चौहटन चौराहे के पास बाड़मेर एसपी मीणा को एक ब्लैक कलर की बिना नंबरी स्कॉर्पियो दिखाई दी। गाड़ी को रुकवाने का प्रयास किया। लेकिन, ड्राइवर शैलेंद्र सिंह राजपूत ने बाड़मेर एसपी, ड्राइवर पृथ्वी सिंह राजपुरोहित और गनमैन को जान से मारने की नीयत से सरकारी वाहन को टक्कर मार दी। इसके बाद फरार हो गया।
किडनैपिंग मामले में हिस्ट्रीशीटर नहीं था शामिल
FIR में बताया कि इसके बाद काले रंग की स्कॉर्पियो के पीछे पुलिस की टीमें लग गईं। हिस्ट्रीशीटर शैलेन्द्र अपनी SUV को महाबार चौराहा, चौहटन चौराहे होते हुए भगा रहा था। इसी दौरान पुलिस के वाहन को देखकर धांधू पुरा के पास SUV छोड़कर मौके से फरार हो गया। वहां खड़े लोगों से पता किया तो पता चला कि वाहन में 2 व्यक्ति थे जो पैदल खेतों की तरफ भाग गए। इसके बाद तलाशी के दौरान स्कॉर्पियो से गाड़ी के कागजात और पहचान के डॉक्युमेंट मिले। याचिकाकर्ता के वकील धीरेंद्र सिंह ने बताया कि जांच में सामने आया कि किडनैपिंग की वारदात से इस गाड़ी के मालिक शैलेन्द्र सिंह का कोई लेनादेना नहीं था। इसके बाद शैलेन्द्र ने इस FIR को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
28 जनवरी को होगी मामले की सुनवाई
याचिकाकर्ता के वकील धीरेंद्र सिंह ने बताया- जोधपुर हाईकोर्ट के न्यायाधीश फरजंद अली ने पेश किए गए वीडियो फुटेज और तस्वीरों की जांच के बाद पाया कि वाहनों के बीच कोई टक्कर नहीं हुई थी। यह मामला झूठे सबूत गढ़ने का प्रतीत होता है। हाईकोर्ट ने SP नरेंद्र सिंह मीणा और कोतवाली SHO लेखराज सियाग को शपथ पत्र के माध्यम से स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है। साथ ही कोर्ट ने पुलिस अधिकारियों से पूछा है कि क्यों न उनके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरू की जाए। मामले की अगली सुनवाई 28 जनवरी 2025 को होगी। इसमें अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया गया है।