जयपुर। जयपुर और आसपास के इलाकों में मकर संक्रांति पर पतंगबाजी का उत्साह चरम पर रहता है, लेकिन यह शौक खतरनाक साबित हो सकता है। रेलवे ट्रैक के पास पतंग उड़ाने से हर साल कई हादसे होते हैं। इसको लेकर रेलवे प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक कृष्ण कुमार मीना ने बताया कि जयपुर मंडल के ज्यादातर रेल खंडों पर अब विद्युत कर्षण से ट्रेनें संचालित हो रही हैं। रेलवे ट्रैक के ऊपर लगे तारों में 25 हजार वोल्ट का करंट दौड़ता है। पतंग की डोर, खासकर धातु युक्त मांझा, इन तारों से छू जाए, तो तेज करंट का झटका जानलेवा हो सकता है।
ट्रैक के पास पतंगबाजी करने वालों को हो सकती है छह महीने की जेल
उन्होंने कहा कि पतंग उड़ाने के दौरान लोग रेलवे ट्रैक पर आ जाते हैं, जिससे हादसे की आशंका और बढ़ जाती है। तेज गति से गुजरती ट्रेनें कई बार जानलेवा साबित होती हैं। रेलवे ट्रैक के पास पतंगबाजी न केवल खतरनाक है, बल्कि कानूनन अपराध भी है। रेलवे अधिनियम 1989 की धारा 147 के तहत ऐसा करने पर 1000 रुपये तक का जुर्माना या छह महीने की जेल हो सकती है।
विभिन्न माध्यमों से चला रहे जागरूकता अभियान
कृष्ण कुमार मीना ने बताया कि मकर संक्रांति के मद्देनजर रेलवे सुरक्षा बल और संरक्षा विभाग विशेष अभियान चला रहे हैं। लोगों को समझाया जा रहा है कि वे ट्रैक के पास पतंगबाजी से बचें। उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी। साथ ही, एफएम रेडियो और टीवी चैनलों के जरिए भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि वे अपने बच्चों को रेलवे ट्रैक के आसपास जाने से रोकें। मीना ने कहा- हम चाहते हैं कि लोग मकर संक्रांति का पर्व उत्साह से मनाएं, लेकिन सुरक्षा का ध्यान रखना भी बेहद जरूरी है। सतर्क रहें, सुरक्षित रहें।