जयपुर। हाईकोर्ट ने साइबर फ्रॉड के तहत दूसरे राज्य के बैंक में जमा हुई राशि जो दो साल से होल्ड पर है और उसके लिए किसी ने क्लेम नहीं किया है उसे प्रार्थिया को सुपुर्दगी करने का निर्देश दिया है। जस्टिस अनूप कुमार ढंड ने यह निर्देश वृषिता मेहता की आपराधिक विविध याचिका पर दिया। मामले से जुड़े अधिवक्ता विजय पाठक ने बताया कि 2022 में प्रार्थिया के साथ साइबर फ्रॉड हुआ था। इसमें उसकी बीमा राशि को बंधन बैंक के अमित नाम के खाते में ट्रांसफर करवा लिया था।
प्रार्थिया को इस साइबर फ्रॉड का पता चलने पर बगरू पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। जिस पर प्रार्थिया ने बंधन बैंक में जमा राशि फ्रीज करवा दी। वहीं पुलिस जांच में पता चला कि फ्रॉड के जरिए जमा हुई प्रार्थिया की राशि पर किसी ने क्लेम नहीं किया है। जिस पर प्र्रार्थिया ने मजिस्ट्रेट के समक्ष बैंक में जमा उसकी राशि 99,999 रुपए को सुपुर्द करने का प्रार्थना पत्र दायर किया। लेकिन उसे यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह राशि फ्रॉड के बाद हुई है और मामले में अनुसंधान बाकी है। इसलिए उसे यह राशि सुपुर्द नहीं कर सकते। लेकिन बाद में पुलिस ने मामले में नेगेटिव एफआर पेश कर दी।
प्रार्थिया ने पुन: मजिस्ट्रेट के समक्ष राशि की सुपुर्दगी का आग्रह किया। लेकिन उसे यह राशि नहीं दी, जबकि जांच एजेंसी ने यह राशि प्रार्थिया को देने की मंजूरी दे दी थी। इसे हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि जिस खाते में राशि जमा है वह फ्रॉड है और 2022 से उस पर किसी ने क्लेम नहीं किया है। अदालत ने पक्षकारों को सुनकर कहा कि प्रार्थिया से तृतीय पक्षकार के क्लेम पर राशि वापस जमा कराने की अंडर टेकिंग लेकर उसे बैंक नियमानुसार राशि दे।