करौली (टोडाभीम)। दौसा जिले के मेहंदीपुर बालाजी कस्बे में 4 लोगों की मौत मामला अभी नहीं सुलझ पाया है। चारों शवों का आज (गुरुवार) को पोस्टमॉर्टम होगा। रिपोर्ट आने के बाद ही मौत कारणों का खुलासा हो पाएगा। फिलहाल परिवार के 4 लोगों की एक साथ मौत पुलिस के लिए मिस्ट्री बना हुआ है।
बुधवार (15 जनवरी) शाम को देहरादून (उत्तराखंड) से मृतक सुरेंद्र कुमार के भाई मुकेश, सुरेंद्र के साले के लड़के सुशील, बड़े भाई के बेटे सहित 4 लोग मेहंदीपुर बालाजी पहुंचे। इन लोगों ने करौली जिले के टोडाभीम थाने में पहुंचकर पुलिस से पूरे मामले की जानकारी ली है। साथ ही सुरेंद्र कुमार और उसके पूरे परिवार की मौत के मामले में हत्या की आशंका जताते हुए टोडाभीम थाने में मामला दर्ज कराया है।
बता दें, 12 जनवरी को रायपुर (देहरादून, उत्तराखंड) से आए सुरेंद्र (61) पुत्र ताराचंद, पत्नी कमलेश देवी (57), बेटी नीलम (31) और बेटा नितिन (33) मेहंदीपुर बालाजी आए थे। यहां रामा-कृष्णा आश्रम धर्मशाला में रुके हुए थे। 14 जनवरी की शाम करीब 7 बजे चारों के शव कमरा नं. 119 में मिले थे।
जांच के दौरान रूम में दाल और टेबलेट्स मिलीं
DSP मुरारी लाल मीना ने बताया-कमरे की जांच के दौरान पुलिस को एक दाल का पैकेट मिला है, साथ ही कुछ टेबलेट्स भी मिली हैं। लेकिन रूम से कोई संदिग्ध सामान बरामद नहीं हुआ। बुधवार देर शाम मृतकों के परिजन थाने पहुंचे, जहां उन्हें शवों की पहचान कराई गई। इस मामले में मृतकों के परिजनों ने हत्या की आशंका जताते हुए मामला दर्ज कराया है। ऐसे में टोडाभीम थाना पुलिस द्वारा मेहंदीपुर बालाजी कस्बे में लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। मौत के कारणों का पता लगाने के लिए मेडिकल बोर्ड के नेतृत्व में चारों शवों का पोस्टमॉर्टम किया जाएगा।
सुरेंद्र के छोटे भाई के आंखों में आए आंसू
उन्होंने कहा कि चारों के शव यहां से लेकर जाऊंगा। कितना बड़ा संकट आज है। उनके पीछे अब कोई नहीं बचा है। बहुत खुशहाल परिवार था। अच्छे से रहता था। बालाजी महाराज के यहां आते रहते थे। भंडारा भी यहां करते थे। लेकिन पता नहीं बालाजी महाराज की कैसी कृपा रही। उन्होंने कहा कि चारों की एक साथ माैत होना संदिग्ध है। पुलिस-प्रशासन हमारे साथ खड़ा है। उनके परिवार में कोई मन मुटाव नहीं था। पूरा परिवार हंसी खुशी रहता था। आर्थिक रूप से भी मजबूत थे।
पुलिसकर्मी पति से बेटी की शादी टूटने से थे परेशान
भतीजे सुशील कुमार ने बताया कि फूफाजी सुरेंद्र कुमार ने नीलम की उत्तराखंड पुलिस में तैनात नरेश कुमार के साथ शादी की थी। लेकिन शादी के एक महीने बाद ही आपसी विवाद के कारण नीलम अपने पीहर में माता-पिता के पास रहने लगी। वहीं, नीलम और उत्तराखंड पुलिस में तैनात पति नरेश के बीच दहेज का केस चल रहा था। इसी बीच विवाद ज्यादा बढ़ने पर दोनों के बीच तलाक का मामला भी चल रहा था, जो अभी कोर्ट में विचाराधीन है। इसे लेकर नीलम के पिता सुरेंद्र कुमार परेशान रहते थे, लेकिन इतना भी परेशान नहीं थे कि सामूहिक आत्महत्या जैसा कदम उठा लें। परिवार का कोई भी सदस्य में तनाव नहीं था। अच्छे से पूरा परिवार चल रहा था।
नीलम और पति के बीच चल रहे मामले में कोर्ट ने नरेश कुमार को नीलम को 6 हजार रुपए मासिक भत्ता देने का आदेश दिया था, जिसे वह नियमित रूप से देता था। करीब 4 महीने पहले नीलम के पिता सुरेंद्र ने इसे बढ़ाकर 15 हजार रुपए करने की याचिका दायर की थी।
नहीं बचा अब कोई परिवार में
मामा का लड़का सुशील ने बताया कि अब परिवार में कोई भी नहीं बचा है। परिवार में बस 4 ही लोग थे। चारों को ही मौत हो गई। अब सोचिए हम लोगों पर क्या बीत रही होगी। सुशील ने बताया कि जिस तरीके से हमने शवों को देखा है। कुछ ना कुछ तो हुआ है, जो एक जांच का विषय है। पुलिस हमारा सहयोग कर रही है और पूरी जांच कर रही है।