उदयपुर। वन विभाग की ओर से सिसारमा रोड स्थित कालका माता नर्सरी के गोल्डन पार्क में 11वें बर्ड फेस्टिवल का शुक्रवार को आगाज हुआ। मुख्य अतिथि सांसद डॉ रावत ने गत दिनों घायल अवस्था में मिले और उपचार के बाद स्वस्थ हुए तोतों को आजाद कर बर्ड फेस्टिवल का आगाज किया।
सांसद डॉ रावत ने कहा कि भारत में पक्षी और पर्यावरण संरक्षण लोक जीवन का हिस्सा रहे है। आज भी गांव-देहातों में बड़े-बुजुर्गों द्वारा कटे हुए नाखूनों को इधर-उधर न फेंकने का सुझाव देते हुए कहा जाता है कि कटे नाखून यदि खुले में फेंके तो चिड़िया इसे चावल समझ कर खा जाएगी और इससे उसकी मौत भी हो सकती है। भारतीय जीवन शैली में ऐसे कई उदाहरण मिलते हैं। उन्होंने बर्ड फेस्टिवल जैसे आयोजनों को युवा पीढ़ी के लिए काफी महत्वपूर्ण बताया।
उदयपुर शहर विधायक ताराचंद जैन ने कहा कि बर्ड फेस्टिवल जैसे आयोजनों से आमजन में जागरूकता बढ़ी है। उद्घाटन समारोह को डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंडिया के सीईओ रविसिंह ने भी प्रकृति और पक्षियों से जुड़े अपने अनुभव शेयर किए। कार्यक्रम में मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) एस.आर.वी मूर्ती, मुख्य वन संरक्षक सुनील छिद्री, डीएफओ (वन्यजीव) डीके तिवारी, डीएफओ मुकेश सैनी, डीएफओ अजय चित्तौड़ा सहित भी मौजूद थे। कार्यक्रम में उदयपुर बर्ड फेस्टिवल की स्मारिका तथा पक्षियों की जानकारी पर आधारित पुस्तिका का विमोचन किया गया।
पक्षियों की अठखेलियां निहारी, टेटू बनवाए
बर्ड फेस्टिवल के तहत पिछोला झील के पार्श्व भाग में बर्ड वॉचिंग की भी व्यवस्था की गई। यहां पक्षी विशेषज्ञों ने बच्चों को बायनोकूलर की मदद से पक्षी दर्शन कराया। साथ ही पक्षियों की जानकारी भी दी। झील के छिछले पानी में अठखेलियां करते पक्षियों को देखकर बच्चों के चेहरे खिल उठे। वहीं आयोजन स्थल पर बच्चों ने प्राकृतिक रंगों से पक्षियों के टेटू भी अपने चेहरे और हाथों पर उकेरे।
स्पर्धा में दिखाया उत्साह
उद्घाटन समारोह के बाद सीनियर और जूनियर ग्रुप में पेंटिंग व क्वीज स्पर्धा भी हुई। इसमें शहर सहित आसपास के विद्यालयों से पहुंचे बच्चों ने उत्साह से भाग लिया। बच्चों ने कूची और रंग से पक्षियों के सुंदर संसार को ड्राइंग शीट पर उकेरा। वहीं क्वीज स्पर्धा में पक्षी और पर्यावरण से जुड़े प्रश्नों के उत्तर भी दिए।
परिंदों के चित्रों की फोटोग्राफी व स्टाम्प प्रदर्शनी
दोपहर में सूचना केन्द्र में पक्षियों से संबंधित फोटोग्राफी एवं स्टाम्प प्रर्दशनी लगाई गई। सेवानिवृत मुख्य वन संरक्षक राहुल भटनागर, डब्लूडब्लूएफ सीईओ रवि सिंह, पक्षी विशेषज्ञ असद रहमानी व विक्रम सिंह ने प्रदर्शनी की शुरुआत की। प्रदर्शनी में विभिन्न पक्षीविदों द्वारा क्लिक किए पक्षियों के चित्र थे। वहीं, उदयपुर की डाक टिकट संग्रहकर्त्ता पुष्पा खमेसरा का विश्व के 354 से अधिक देशों पर जारी डाक टिकट का संग्रह विशेष आकर्षण का केन्द्र है।