सिरोही। नई दिल्ली में नीति आयोग और एसोसिएशन फॉर वालंटरी एक्शन (एवीए) ने एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इस पहल का उद्देश्य अगले एक वर्ष में देश के 104 प्रखंडों के 15 हजार गांवों को बाल विवाह मुक्त घोषित करना है।
इस अभियान के तहत आगामी दो वर्षों में 73 जिलों के आकांक्षी प्रखंडों में ‘सुरक्षित बाल ग्राम’ की स्थापना की जाएगी। यह विशेष रूप से उन परिवारों के बच्चों के लिए है, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और बाल शोषण, बाल मजदूरी या बाल विवाह के जोखिम में हैं। यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2018 में शुरू किए गए आकांक्षी जिला कार्यक्रम का विस्तार है, जिसका लक्ष्य देश के 112 पिछड़े जिलों का समग्र विकास है।
जन चेतना संस्थान ने इस पहल का स्वागत करते हुए सिरोही जिले को बाल मजदूरी, बाल विवाह, बाल तस्करी और यौन शोषण से मुक्त कराने का संकल्प लिया है। संस्थान की निदेशक ऋचा औदिच्य ने इस अभियान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई है। उल्लेखनीय है कि एवीए और जन चेतना संस्थान, जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन नेटवर्क के सदस्य हैं, जो देश के 416 जिलों में बाल अधिकारों की रक्षा के लिए कार्यरत 250 से अधिक गैर-सरकारी संगठनों का एक समूह है।
एवीए और नीति आयोग की इस साझेदारी से हमारे प्रयासों को और बल मिलेगा। एवीए के साथ मिलकर हम जिले को बाल विवाह मुक्त बने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके साथ ही हम जिले में बाल सुरक्षा के व्यवस्थागत तंत्र को मजबूत बनाने के लिए भी काम करेंगे। साथ मिलकर हम सुनिश्चित करेंगे कि हमारे बच्चों को एक सुरक्षित वातावरण में पुष्पित-पल्लवित होने के अवसर मिलें। इस साझेदारी के तहत देश के सबसे अविकसित व संवेदनशील इलाकों में बच्चियों के सशक्तीकरण और शिक्षा की पारिस्थितिकी को मजबूत करने के लिए एक समग्र और व्यापक रणनीति पर अमल किया जाएगा।
बाल विवाह और बच्चों की ट्रैफिकिंग की निगरानी और रोकथाम के लिए सभी लक्षित गांवों में पंचायत स्तर पर लोगों की आवाजाही और विवाहों के ब्योरे दर्ज करने के लिए रजिस्टर रखे जाएंगे। स्कूल नहीं जा पाने वाले बच्चों को शिक्षा और कौशल विकास के अवसरों से जोड़ा जाएगा, जबकि हाशिये के व्यक्तियों और परिवारों को सरकारी जनकल्याण योजनाओं से जोड़ा जाएगा।
इस अवसर पर एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन के कार्यकारी निदेशक धनंजय टिंगल ने कहा कि आज समाज के सबसे कमजोर वर्गों के सशक्तीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए हम गर्व और कृतज्ञता महसूस कर रहे हैं। साझा प्रयासों से हमारा लक्ष्य 2025 के अंत तक इन प्रखंडों को बाल विवाह मुक्त बनाना और दूसरों के लिए एक मिसाल कायम करना है। यह साझेदारी प्रत्येक बच्चे की सुरक्षा, शिक्षा और सम्मान के अधिकार की रक्षा करने और बाल विवाह जैसे अपराधों के खात्मे की हमारी साझा प्रतिबद्धता का सबूत है। सरकारी निकायों, समुदायों और नागरिक समाज संगठनों राज्य, जिला और प्रखंड जैसे हर स्तरों पर एकजुट होकर काम करने और साझा प्रयासों से सही मायनों में बच्चों की सुरक्षा का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
‘नीति आयोग जिला, ब्लॉक और गांव स्तर पर राज्य सरकारों, केंद्रीय मंत्रालयों और अन्य प्रमुख हितधारकों के साथ सहयोग करेगा, जबकि एवीए संवेदनशील परिवारों की पहचान करने, समय पर हस्तक्षेप के लिए जिला प्रशासन, राज्य सरकारों और केंद्रीय मंत्रालयों के साथ सहयोग से वास्तविक समय में कठिनाई का सामना कर रहे प्रत्येक बच्चे और परिवार को राहत की दिशा में प्रगति पर नजर रखने के लिए मजबूत डेटाबेस तैयार करने, चयनित जिलों, ब्लॉकों में बाल मजदूरी, बच्चों की ट्रैफिकिंग और बाल विवाह सहित बच्चों की शिक्षा और संरक्षण से जुड़े प्रमुख संकेतकों पर जिला प्रशासन के साथ मिलकर काम करेगा।