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February 9, 2025 4:04 am


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वाटर लॉगिं​ग बनी विकराल : आधे फीट खुदाई में आता है पानी, नींव में लाखों का प्लास्टिक बिछा रहे, कहीं 24 घंटे मोटरें चल रही

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Pankaj Garg

सच्ची निष्पक्ष सटीक व निडर खबरों के लिए हमेशा प्रयासरत नमस्ते राजस्थान

बाड़मेर। शहर में वाटर लॉगिंग की समस्या दिनों दिन विकराल होती जा रही है। हाल ये है कि अब तो मकान बनाने के लिए नींव खुदाई करते हैं तो आधे फीट पर ही पानी निकाल आता है। शहर का 40 फीसदी इलाका तो ऐसा है जहां 24 घंटे जमीन की ऊपरी सतह भीगी रहती है।

विष्णु कॉलोनी, जाट कॉलोनी, बलदेव नगर, महावीर नगर, शास्त्रीनगर, गांधीनगर, नेहरू नगर, जटियों का वास सहित कई कॉलोनियों में तो अब मकान बनाना मुश्किल हो चुका है। नींवें भरने के लिए दिन-रात मोटर चलाकर पानी फूंक रहे है। शहर की जमीन के नीचे चट्टानों की परत है, ऐसे में बरसात व सीवरेज का पानी जमीन के अंदर नहीं जाता है।

यहां रोज 2 मोटरें अंडरग्राउंड टांके से पानी फूंक रही

नगर परिषद का स्टेशन रोड पर पालिका बाजार है, जिसमें करीब 200 दुकानें है। तीन मंजिला बड़ा बाजार है। इसके हाल ये है कि अंडरग्राउंड में अगर एक दिन मोटर बंद रह जाए तो सभी दुकानों में पानी भर जाता है। ऐसी स्थिति में दुकानों ने मिलकर अंडरग्राउंड में एक 5-7 फीट गहरा व चौड़ा गड्ढ़ा बना रखा है। इसमें दो मोटरें लगाई हुई है। वाटर लॉगिंग का पानी रिसाव होकर इस गड्ढ़े में इकट्ठा होता रहता है। इसमें लगी दो मोटरें 24 घंटे चलती है। इससे पालिका बाजार के अंडरग्राउंड की 100 दुकानें सुरक्षित है। यहां अंडरग्राउंड की 10 फीट दीवार तक पानी पहुंच चुका है और उसकी परतें उखड़ चुकी है।

नींव के नीचे 1 लाख खर्च कर प्लास्टिक बिछाया

विष्णु कॉलोनी बाड़मेर शहर का सबसे निचला इलाका है। यहां मकान बनाना चुनौती बना हुआ है क्योंकि जमीन में मकान की नींव भरने से पहले कई दिनों तक मोटर से पानी फेंकना पड़ता है। विष्णु कॉलोनी में हरीश जांगिड़ मकान बना रहे हैं। हाल ये है कि वाटर लॉगिंग से बचने के लिए नींव भरने से पहले करीब 1 लाख रुपए खर्च कर प्लास्टिक बिछाया है ताकि पानी से दीवारें कमजोर नहीं हो। हाल ये है कि कई जगह तो प्लॉट पानी से ही भरे पड़े हैं। शहर की सबसे पॉश कॉलोनी महावीर नगर को नगर परिषद खुद ने बसाया था। यहां 30-35 लाख रुपए प्लॉट की कीमत है, लेकिन प्लॉट में मकान बनाते हैं तो एक-डेढ़ फीट पर ही पानी निकल आता है।

6 फीट तक जेक लगा कर ऊपर उठाया था मकान

शास्त्रीनगर में समस्या ज्यादा खतरनाक है। यहां घरों में बने पानी के टांकों में तो हर समय केमिकलयुक्त पानी अंदर जा रहा है। डूब वाले इलाके में मकान बने हैं, उनके तो घरों की दीवारें गिरने के कगार पर है। शास्त्रीनगर के अर्जुनराम जांगिड़ ने 2018 में वाटर लॉगिंग की समस्या से बचने के लिए अहमदाबाद की एक कंपनी को टेंडर देकर पूरे मकान को जेक से 6 फीट तक ऊपर उठाया था। यह खर्चीला है ऐसे में आम व्यक्ति की जेक सिस्टम से मकान को ऊंचाई पर लेने की पहुंच नहीं है। सदर थाने के सामने, हनुमान मंदिर, गांधीनगर, शास्त्रीनगर, जाट कॉलोनी, महाराजा स्कूल रोड, जटियों का वास इलाके में ये ही हाल है।

Author: JITESH PRAJAPAT

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