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February 9, 2025 5:08 am


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संविदा भर्ती को लेकर विवादों में गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज : नियमों को दरकिनार कर धांधली के आरोप, विधायक बोले- लेनदेन हुई, सबूत दे सकता हूं

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Pankaj Garg

सच्ची निष्पक्ष सटीक व निडर खबरों के लिए हमेशा प्रयासरत नमस्ते राजस्थान

दौसा। जिले की पंडित नवलकिशोर शर्मा गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज लगातार विवादों में है। यहां संविदा कर्मियों की भर्ती में धांधली के आरोपों के बीच पिछले कई दिनों से विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। संविदा भर्ती में पारदर्शिता को लेकर सोमवार को विधायक दीनदयाल बैरवा के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर देवेंद्र कुमार को ज्ञापन सौंपा था। वहीं लगातार दूसरे दिन मंगलवार को भी युवाओं ने कलेक्ट्रेट के सामने विरोध प्रदर्शन किया। आरोपों को लेकर मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने चुप्पी साध ली है। जिससे कई सवाल खड़े हो रहे हैं।

ज्ञापन में बताया कि मेडिकल कॉलेज में विभिन्न पदों के लिए भर्ती की गई, जिसमे बिना किसी मैरिट के संविदा कर्मियों को भर्ती किया गया है। पूरी भर्ती आरक्षण कोटे को दरकिनार करते हुए की गई है। यह भर्ती स्थानीय युवाओं को मौका देने की बजाय जिले से बाहर के लोगों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से की गई है। बिना किसी विज्ञप्ति के संविदा कर्मियों की भर्ती कर ली गई, जबकि नियमानुसार विज्ञप्ति का प्रकाशन भी होना चाहिए था।

युवाओं की मांग है कि भर्ती में उन बेरोजगार युवाओं को प्राथमिकता देनी चाहिए थी, जिन्होंने कोरोना महामारी के समय अपना जीवन खतरे में डालकर 24 घंटे मेडिकल टीम के साथ काम किया। युवाओं ने आरोप लगाया कि संविदा भर्ती में कहीं ना कहीं मेडिकल कॉलेज प्रशासन एवं एजेंसी ने मिलीभगत कर जिले बाहर के लोगों को भर्ती कर लिया। इसकी जांच करवाकर भर्ती को नए सिरे से नियमानुसार कराया जाना चाहिए।

विधायक ने लगाए भ्रष्टाचार के आरोप

इसे लेकर विधायक दीनदयाल बैरवा ने कहा- पंडित नवल किशोर शर्मा गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में करीब 100 पदों पर संविदा भर्ती हुई है। जिसमें कई प्रकार की अनियमितता बरती गई है। लेनदेन की जानकारी मिली है, बिना मेरिट निकाले भर्ती कर ली गई। जबकि कोरोना के दौरान फील्ड में काम करने वाले स्थानीय युवाओं को मौका नहीं दिया गया। इसकी जांच करवाने की मांग को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन दिया है।

विधायक ने कलेक्टर को बताया कि संविदा भर्ती में मेरिट का कोई आधार नहीं रखा गया और कोविड के वक्त काम करने वाले गरीब परिवार से बच्चों को मौका मिलना चाहिए। कई युवाओं से भर्ती की एवज में रुपयों की डिमांड की गई थी, जिसके तथ्य भी हैं। ऐसे में मामले की निष्पक्ष जांच कराई जानी चाहिए।

वहीं पूरे मामले को लेकर मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल सुमिता जैन से कई बार संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन जवाब नहीं मिला।

Author: JITESH PRAJAPAT

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