Explore

Search

February 16, 2025 6:15 pm


लेटेस्ट न्यूज़

देगराय ओरण में 2 गिद्ध के शव मिले, 1 घायल : 1 विंड मिल से टकराया तो दूसरा हाइटेंशन लाइन से

Picture of Pankaj Garg

Pankaj Garg

सच्ची निष्पक्ष सटीक व निडर खबरों के लिए हमेशा प्रयासरत नमस्ते राजस्थान

जैसलमेर। जिले के देगराय ओरण इलाके में 2 प्रवासी गिद्ध पक्षियों के शव मिले, वहीं 1 गिद्ध घायल अवस्था में मिला। तीनों ही प्रवासी गिद्ध यूरेशियन ग्रिफॉन प्रजाति के हैं। जानकारी मिलने पर वन विभाग की टीम ने दोनों मृत गिद्ध को दफनाया। वहीं 1 घायल गिद्ध को इलाज के लिए अपने साथ लेकर गए।

पर्यावरण प्रेमी सुमेर सिंह ने बताया- देवीकोट के देगराय ओरण इलाके में भीखसर गांव की सरहद के पास विंड मिल से टकराकर एक प्रवासी गिद्ध पक्षी का गला कट गया। वहीं दूसरे गिद्ध की हाइटेंशन लाइनों से टकराने पर करंट से मौत हुई। एक अन्य गिद्ध के भी हाइटेंशन लाइनों से टकराने पर पंख कट गया और वो घायल हो गया। सूचना पर वन विभाग की टीम ने दोनों मृत गिद्ध को मौके पर ही दफनाया। वहीं घायल गिद्ध का इलाज करने के लिए अपने साथ पशु हॉस्पिटल लेकर गए। तीनों गिद्ध यूरेशियन ग्रिफॉन प्रजाति के वल्चर हैं।

विंड मिल से टकराने पर गला कटा

सुमेर सिंह सांवता ने बताया- देगराय ओरण इलाके के भीखसर गांव की सरहद पर निजी कंपनी की विंड मिल लगी है। पशु व पक्षी विचरण इलाके में लगी विंड मिल से एक प्रवासी ग्रिफोन गिद्ध टकराया। विंड मिल से टकराने से गिद्ध का गला कट गया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। वहीं इसी इलाके में हाइटेंशन लाइनों से टकराने से 1 प्रवासी ग्रिफोन गिद्ध की मौत ही गई वहीं एक और गिद्ध घायल हो गया।

जानकारी मिलने पर पर्यावरण प्रेमी सुमेर सिंह मौके पर पहुंचे और गिद्धों की सुध लेकर वन विभाग को मौके पर बुलाया। मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने दोनों मृत गिद्धों के शवों को दफनाया। वहीं घायल गिद्ध को इलाज के लिए पशु हॉस्पिटल लेकर गए। सुमेर सिंह ने बताया कि पक्षी विचरण इलाके में चल रही विंड मिल और हाइटेंशन लाइनों के टकराने से आए दिन प्रवासी पक्षियों की जान जा रही है। हम लगातार सरकार से इन लाइनों को भूमिगत कराने की मांग कर रहे हैं।

सर्दियों में प्रवास करता है यूरेशियन ग्रिफॉन

पर्यावरण प्रेमी सुमेर सिंह ने बताया कि यूरेशियन ग्रिफॉन नामक दुर्लभ गिद्ध प्रवासी पक्षी है और सर्दियों में यहां प्रवास करता है। राजस्थान में यूरेशियन ग्रिफॉन कजाकिस्तान, अफगानिस्तान और बलूचिस्तान से आते हैं। इनका प्रवास का रास्ता मध्य-पूर्व से दक्षिणी एशिया की ओर है। इस मार्ग को यूरेशियन ग्रिफॉन के अलावा अन्य प्रजातियां भी इस्तेमाल करती हैं। वहां ज्यादा ठंड होने पर ये प्रवास करके हजारों किमी का सफर तय करके गर्म जगहों पर आते हैं। जैसलमेर में ये फतेहगढ़, लाठी आदि इलाकों में जहां पशु विचरण का इलाका ज्यादा है वहां ये ज्यादा पाए जाते हैं।

Author: JITESH PRAJAPAT

Leave a Comment

Ads
Live
Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर