कोटा। जिला कलेक्टर डॉ.रविंद्र गोस्वामी लगातार कोटा की अलग-अलग कोचिंगों में जाकर स्टूडेंट्स को मोटिवेट कर रहे है। ‘कामयाब कोटा‘ और ‘कोटा केयर्स‘ पहल के तहत छात्र-छात्राओं से लगातार सीधा संवाद किया जा रहा है। इस दौरान कोचिंग स्टूडेंट्स भी अपनी शंका, भय और असफलताओं के बारे में खुलकर बात कर रहे हैं।
कलेक्टर ने छात्रों को क्लास में प्रेरित करते हुए कहा- जीवन में सफल होने के लिए अनुशासन अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने अपने खुद के अनुभव साझा करते हुए बताया कि पीएमटी के पहले प्रयास में असफल होने के बाद उन्होंने आत्ममंथन किया और यह समझा कि सिर्फ मेहनत ही नहीं, बल्कि सही रणनीति भी सफलता के लिए आवश्यक है। उन्होंने परीक्षा की तैयारी के लिए पुराने प्रश्नपत्रों और सिलेबस का विश्लेषण कर महत्वपूर्ण टॉपिक्स पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी।
उन्होंने आइज़ेन हॉवर मैट्रिक्स को सरल शब्दों में समझाते हुए कहा- परीक्षा में और जीवन में क्या करना है उस से अधिक महत्वपूर्ण है क्या नहीं करना है। जब यह स्पष्ट हो जाता है, तो सफलता निश्चित होती है। परीक्षा पैटर्न में बदलाव पर चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि किसी भी बदलाव का प्रभाव सभी छात्रों पर समान रूप से पड़ता है, इसलिए इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है।
मॉक टेस्ट से सीखें और असफलता से घबराएं नहीं
कलेक्टर ने कहा- परीक्षा से कुछ महीने पहले से ही नियमित मॉक टेस्ट देने और विशिष्ट प्रश्नों को हल करने की आदत डालनी चाहिए। यदि मॉक टेस्ट या कक्षा में प्रदर्शन अच्छा नहीं आ रहा, तो घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यही गलतियां वास्तविक परीक्षा में सुधार में मदद करेंगी।
उन्होंने छात्रों से अपने माता-पिता के साथ संवाद बनाए रखने की अपील की और कहा कि हर छात्र को दिन में कम से कम एक बार अपने परिवार से अवश्य बात करनी चाहिए, क्योंकि माता-पिता ही उनके सबसे बड़े शुभचिंतक होते हैं। उन्होंने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि जिंदगी खूबसूरत है, इसे तनाव में उलझाने की आवश्यकता नहीं है।