बूंदी। जिले के रामगढ़ टाइगर रिजर्व में एक और बाघ की मौत से हड़कंप मच गया है। सरिस्का से स्थानांतरित किए गए 3 साल के टाइगर RVT-4 का शव नंद भैरू प्लांटेशन के पास एक पहाड़ी पर मिला है। वन विभाग के अधिकारियों का प्राथमिक अनुमान है कि मादा बाघ से हुई भिड़ंत में इसकी मौत हुई हो सकती है। हालांकि, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का सटीक कारण स्पष्ट हो सकेगा।
यह राजस्थान के चौथे टाइगर रिजर्व में पिछले तीन महीनों में दूसरी बड़ी घटना है। इससे पहले जैतपुर रेंज की बांदरा पोल के पास एक मादा बाघ RVT-2 का कंकाल मिला था, जिसे जुलाई 2022 में रणथंभौर से रामगढ़ में शिफ्ट किया गया था। उस घटना में एक शावक भी लापता बताया गया था।
लगातार हो रही बाघों की मौत ने रामगढ़ अभयारण्य की व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। घटना की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन और वन विभाग के उच्च अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। पिछली घटना की जांच के लिए उच्च अधिकारियों की एक टीम गठित की गई थी, और अब एक और बाघ की मौत से अभयारण्य के प्रबंधन पर सवाल उठने लगे हैं।
सरिस्का अभयारण्य से किया था शिफ्ट
रामगढ विषधारी टाइगर रिजर्व एरिया में जिस टाइगर RVT-4 की संदिग्ध परिस्थिति मे मौत हुई है। बता दें कि यह टाइगर सरिस्का के जंगल से बाहर निकल गया था और मुश्किल से मिला था। इसके बाद इसको रामगढ़ में शिफ्ट करने के आदेश हुए थे। 10 नवम्बर को सरिस्का अभयारण्य के हरियाणा के झाबुआ इलाके से ट्रंकुलाइज करके रामगढ़ में शिफ्ट किया था। यहां इसे एनक्लोजर में रखा गया था। तब रामगढ़ में टाइगर के कुनबे मे वृद्धि को लेकर उम्मीद जागने लगी थी। इसी बीच चार महीने में ही टाइगर की मौत ने सभी को चिंता मे डाल दिया है।
बूंदी वन्य जीव अधिकारी ए के झा ने बताया कि आर वी टी 4 की मौत हो गई है। फिलहाल मौत के कारणों की जांच की जा रही है। अभी मैं जंगल में हूं। बूंदी जाकर बाग का अंतिम संस्कार किया जाएगा।