डूंगरपुर। डूंगरपुर पुलिस ने अपराधों की रोकथाम में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। वर्ष 2024 में जिले में अपराध दर 8 प्रतिशत कम हुई है। पुलिस अधीक्षक मोनिका सेन के अनुसार इस साल डकैती की एक भी वारदात दर्ज नहीं हुई, साथ ही हत्या, रेप और अपहरण जैसे गंभीर अपराधों में भी गिरावट देखी गई।
चिंता का विषय यह है कि चोरी की वारदातों में 17 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। अपराधियों ने खाली घरों और दुकानों को निशाना बनाते हुए रुपए के साथ-साथ कीमती सामान भी चुराया। आंकड़ों के अनुसार 2022 में जिले में 2,439 अपराध दर्ज किए गए थे, जो 2023 में बढ़कर 2,744 हो गए। वर्ष 2024 में यह संख्या घटकर 2,522 रह गई।
पुलिस ने अपराध नियंत्रण के लिए वर्षभर कड़ी कार्रवाई की और जन जागरूकता अभियान चलाया। इसमें हत्या, हत्या का प्रयास, लूटपाट, बलवा, नकबजनी सहित भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए। पुलिस का दावा है कि सख्त कार्रवाई और जागरूकता अभियान का सकारात्मक प्रभाव अपराध दर में कमी के रूप में सामने आया है।
चोरियां बढ़ी तो मर्डर और अन्य वारदातें घटी
डूंगरपुर में क्राइम रेट के आंकड़ों पर गौर करें तो चोरी की वारदातों में इजाफा हुआ है। चोरों ने सूने घर, दुकान और ऑफिसों में वारदातों को अंजाम दिया। इन जगहों से कैश, जेवर और कीमती सामान चुराकर ले गए। कई वारदातों का पुलिस खुलासा करने में कामयाब रही। 2023 में डूंगरपुर में 149 चोरी की वारदातें हुई थी। वहीं 2024 में ये वारदातें बढ़ाकर 178 हो गई। करीब 17 पर्सेंट तक चोरियों में इजाफा हुआ, लेकिन दूसरी ओर डकैती की एक भी वारदात पुलिस ने नहीं होने दी। 2022 और 2023 दोनों साल में डकैती की 3-3 वारदातें हुई थी, लेकिन 2024 में एक भी डकैती नहीं हुई। वहीं मर्डर, हत्या का प्रयास, लूटपाट, अपहरण की वारदातों में कमी आई है। सबसे ज्यादा कमी रेप की घटनाओं में देखी गई। 2023 में रेप की 140 घटनाएं हुई थी, जबकि 2024 में 92 वारदातें रिकॉर्ड हुई हैं। वहीं भारतीय दंड संहिता की अलग-अलग क्रिमिनल धाराओं में 2023 में 1 हजार 822 केस दर्ज हुए हैं। वहीं 2024 में 1 हजार 722 केस रिकॉर्ड हुए हैं।
महिला अपराधों के आंकड़ों में भी कमी
महिला अपराध के ग्राफ को देखें तो इसमें भी गिरावट आई है। 2022 में जहां 582 महिला अपराध से जुड़ें मामले दर्ज हुए थे। वहीं 2023 में ये आंकड़ा बढ़कर 719 हो गया, लेकिन 2024 में पुलिस की सख्ती और कार्रवाई की वजह से ये आंकड़ा फिर कम हुआ। इस बार महिला अपराध के 588 केस रजिस्टर्ड हुए हैं। इसके अलावा अनुसूचित जाति से जुड़े केस 2023 में 20 थे, लेकिन 2024 में सिर्फ 6 रह गए। वहीं अनुसूचित जनजाति के 2023 में 42 केस दर्ज हुए थे, लेकिन 2024 में ये 23 रिकॉर्ड हुए।
जागरूकता के साथ सख्ती से लिया काम
एसपी मोनिका सेन ने कहा कि क्राइम रेट में कमी एक अच्छा संकेत है। इसके लिए समन्वित प्रयास किए गए। स्कूलों से लेकर सड़क पर जागरूकता अभियान चलाया गया। खासकर युवाओं को अपराध मुक्त होने के लिए प्रेरित किया गया। वहीं कई जगह पर सख्ती भी की गई। वहीं अपराधियों की धरपकड़ के लिए अभियान चलाया गया। समय-समय पर अभियान के माध्यम से बदमाशों को पाबंद किया। जिससे वारदातों की रोकथाम में मदद मिली। एसपी ने कहा कि अपराधों पर रोकथाम के लिए आगे भी लोगों का सहयोग मिलता रहे।