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March 13, 2025 1:40 am


महिला एवं बाल विकास विभाग : अफसर बदले तो साड़ियों की क्वालिटी भी बदली, जो पहले घटिया थीं, अब बंटने लगीं

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Pankaj Garg

सच्ची निष्पक्ष सटीक व निडर खबरों के लिए हमेशा प्रयासरत नमस्ते राजस्थान

भरतपुर। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को वितरित की जाने वाली साड़ियों की गुणवत्ता पर सवाल उठने से वितरण तीन महीने से अटका हुआ है। सप्लायर ने सैंपल के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण साड़ियां नहीं भेजीं, जिससे विभाग ने प्रक्रिया रोक दी है।

जिले के 2,182 आंगनबाड़ी केंद्रों पर 8,074 कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए ड्रेस का वितरण किया जाना था। इनमें 4,166 कार्यकर्ताओं और 3,908 सहायिकाओं को यूनिफॉर्म मिलनी थी, लेकिन सप्लायर ने 266 कार्यकर्ताओं और 308 सहायिकाओं के यूनिफॉर्म कम भेजे। इसके अलावा, साड़ियों का रंग, वजन और गुणवत्ता भी तय मानकों के अनुरूप नहीं पाई गई। अधिकांश बंडलों में साड़ियां फटी हुई मिलीं।

गड़बड़ी उजागर होने पर महिला एवं बाल विकास विभाग के तत्कालीन उपनिदेशक ने निदेशक को पत्र लिखकर मार्गदर्शन मांगा था। हालांकि, सूत्रों के अनुसार विभाग अब बिना सुधार किए ही यूनीफॉर्म वितरित करने की तैयारी कर रहा है, जिससे अनियमितता की आशंका बढ़ गई है। अगर घटिया साड़ियों का वितरण होता है, तो यह कार्यकर्ताओं के साथ बड़ी अन्यायपूर्ण कार्रवाई होगी।

सैंपल के अनुसार 600 ग्राम, सप्लायर ने भेजी 450 ग्राम की साड़ी

आंगनबाड़ी की 3,908 सहायिकाओं के लिए ब्लाउज सहित साड़ियों का वितरण किया जाना है। इसके लिए निर्धारित सैंपल के अनुसार प्रत्येक साड़ी का वजन 600 ग्राम होना चाहिए, लेकिन सप्लायर द्वारा सप्लाई की गई साड़ियों का वजन मात्र 450 ग्राम पाया गया। यानी एक साड़ी में सीधे 150 ग्राम की कमी है। इसके अलावा, सैंपल की साड़ी की तुलना में आपूर्ति की गई साड़ी की लंबाई में भी 6 इंच की कटौती की गई है।

यही हाल आंगनबाड़ी की 4,166 कार्यकर्ताओं के लिए वितरित की जाने वाली यूनिफॉर्म साड़ी का भी है। तय सैंपल के अनुसार प्रत्येक साड़ी का वजन 540 ग्राम होना चाहिए, लेकिन सप्लायर ने 440 ग्राम वजन की साडिय़ां सप्लाई की हैं, जिससे प्रति साड़ी 100 ग्राम वजन कम पाया गया। इसमें भी साड़ी की लंबाई में 6 इंच की कमी है। इसके अलावा, सैंपल के अनुसार साडिय़ों का रंग और कपड़े की गुणवत्ता भी मानकों के अनुरूप नहीं है।

आपूर्ति में 125 ग्राम कम मिला वजन…

आपूर्ति की गई साडिय़ों में औसतन 125 ग्राम कम वजन पाया गया। अगर 125 ग्राम वजन की औसत कीमत 50 रुपये मानी जाए, तो प्रत्येक साड़ी पर 50 रुपये का घोटाला हुआ। इस हिसाब से 8,074 साडिय़ों पर कुल 4 लाख रुपये का घोटाला होने की संभावना है। और इसी गड़बड़ी के साथ नए उपनिदेशक साडिय़ों को बांटने की तैयारी में है।

20 लाख की 8,074 साड़ियों पर 4 लाख रुपए के घोटाले की आशंका…

प्रत्येक साड़ी की अनुमानित कीमत करीब 250 रुपये बताई जा रही है। लेकिन सप्लायर द्वारा निर्धारित सैंपल की गुणवत्ता की अनदेखी कर कम गुणवत्ता वाली साडिय़ों की आपूर्ति की गई है। इस गड़बड़ी के पीछे सप्लायर और संबंधित अधिकारियों की मिलीभगत की आशंका जताई जा रही है। सैंपल के अनुसार, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की साड़ी का वजन 540 ग्राम और सहायिकाओं की साड़ी का वजन 600 ग्राम होना चाहिए था। लेकिन जांच में पाया गया कि कार्यकर्ताओं की साड़ी में 100 ग्राम और सहायिकाओं की साड़ी में 150 ग्राम की कमी है। इस तरह दोनों साडिय़ों का औसत निर्धारित वजन 570 ग्राम बनता है।

Author: JITESH PRAJAPAT

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