Explore

Search

February 5, 2025 3:25 pm


लेटेस्ट न्यूज़

उदयपुर में फर्नीचर कारोबारी के परिवार का हुक्का-पानी बंद : गांव के पंचों का फैसला: परिवार से बात करने पर लगेगा 51 हजार का जुर्माना

Picture of Pankaj Garg

Pankaj Garg

सच्ची निष्पक्ष सटीक व निडर खबरों के लिए हमेशा प्रयासरत नमस्ते राजस्थान

उदयपुर। जिले के एक गांव में पंचों ने फर्नीचर कारोबारी के परिवार का हुक्का-पानी बंद कर दिया है। यहां तक कि परिवार की मदद करने वाले लोगों पर भी जुर्माना लगाने का फैसला सुनाया है। मामला 25 जनवरी को खेरोदा गांव का है। हालांकि पीड़ित परिवार की ओर से इस मामले में खेरोदा थाने में 4 फरवरी को मामला दर्ज करवाया गया। पीड़ित मांगीलाल के बेटे ​ललित सुथार की ओर से पुलिस में दर्ज करवाए मामले में आरोप है कि जमीन विवाद के चलते गांव में उनका हुक्का-पानी बंद कर दिया है। पंचों के फरमान सुनाने का एक वीडियो भी सामने आया है।

पंचों का फैसला-कोई भी ग्रामीण लेन-देन नहीं रखेगा

ललित सुथार ने बताया कि जमीन लेन-देन के मामले में गांव के पूर्व सरपंच और कुछ लोगों ने मिलकर खाप पंचायत जैसा फरमान सुना है। इसके 25 जनवरी को गांव में सभा बुलाई गई। इसके बाद गांव के लोगों के सामने ये फरमान सुनाया गया कि उनके पिता मांगीलाल और परिवार के साथ गांव का कोई भी ग्रामीण लेन-देन नहीं रखेगा। उनके साथ बातचीत और मदद नहीं करेगा। ना ही दुकान से उन्हें कोई सामान देगा। अगर ऐसा कोई करता है तो उस पर 51 हजार रुपए का वसूला जाएगा।

पीड़ित परिवार के ललित सुथार ने बताया कि- इस फरमान के बाद हालात बहुत बुरे हो गए हैं। गांव में दुकान से कोई सामान भी नहीं दे रहा है। या तो बाहर से रिश्तेदार राशन पहुंचा रहे है या फिर 7 किमी दूर राशन और दूसरा सामान लेने जाना पड़ रहा है। गांव का कोई भी व्यक्ति बात तक नहीं कर रहा है।

3 बिस्वा जमीन को लेकर चल रहा था विवाद

पीड़ित मांगीलाल का आरोप है कि उसके पिता के नाम पर 3 बिस्वा का बाड़ा है। इसको लेकर गांव के ही भैरूलाल व उसके भाई पूर्व सरपंच दिनेश जणवा से विवाद चल रहा है। भैरूलाल और दिनेश का कहना है कि ये जमीन मेरे पूर्वजों ने उन्हें बेच दी थी लेकिन उनके पास इसका कोई डॉक्युमेंट नहीं है। ऐसे में वे अब मुझ पर इस जमीन की रजिस्ट्री कराने का दबाव बना रहे है। इसको लेकर 12 जनवरी को झगड़ा भी हुआ था। मांगीलाल ने बताया कि जब बेची हुई जमीन का उनके पास कोई डॉक्युमेंट ही नहीं है तो वे किस आधार पर रजिस्ट्री करवाएंगे।

पीड़ित बोला: हमारा काम-धंधा बंद हो गया, परिवार कैसे पालें?

ललित सुथार ने बताया कि पंचों के फैसले के बाद से परिवार डरा हुआ था। डर की वजह से किसी से कुछ नहीं बोल पा रहे थे। गांव में फर्नीचर का काम करते है और उनका ​बिजनेस भी बंद हो गया है। हमें गांव से निष्कासित कर दिया है। पहले सोचा कि कुछ दिनों में सामान्य हो जाएगा। लेकिन, अब हालात बिगड़ते जा रहे है। ऐसे में 4 फरवरी को थाने पहुंचकर शिकायत दी।

Author: JITESH PRAJAPAT

Leave a Comment

Ads
Live
Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर