जयपुर। जयपुर-बीकानेर हाईवे (NH-52) पर जयपुर के चौमूं में स्कूल बस पुलिया से नीचे गिर गई। इस हादसे में 12वीं की छात्रा की मौत हो गई, जबकि 9 बच्चे गंभीर रूप से घायल हैं। आनन-फानन सभी घायलों को हॉस्पिटल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टर लगातार नजर बनाए हुए हैं। हादसा बस का ब्रेक फेल होने के कारण हुआ। बस में 25-30 बच्चे सवार थे। घटना के बाद मौके से ड्राइवर फरार हो गया। बुधवार सुबह करीब 7.30 बजे NH-52 स्थित वीर हनुमान मार्ग पुलिया के पास स्कूल बस अनियंत्रित होकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। हादसे के बाद मौके पर भीड़ जुट गई। इस हादसे में छात्रा कोमल देवंदा (18) पुत्री शिशुपाल देवंदा, निवासी रामपुरा, डाबड़ी (चौमूं) की मौत हो गई। कोमल कक्षा 12वीं की स्टूडेंट थी।
धमाका सुनकर लोग पुलिया की ओर दौड़े
सूचना मिलते ही चौमूं पुलिस मौके पर पहुंची। 108 एंबुलेंस की मदद से सभी घायल बच्चों को हॉस्पिटल पहुंचाया गया। गंभीर रूप से घायल छह बच्चों को शहर के सिद्धि विनायक हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। प्रत्यक्षदर्शी पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष अनुराग शर्मा व रवि शर्मा ने बताया- खेल स्टेडियम में मॉर्निंग वॉक कर रहे थे। इसी दौरान तेज धमाके की आवाज आई और बस पलट गई। मौके पर पहुंचे तो बच्चे चीख रहे थे।
ये बच्चे घायल हुए हैं
घायलों में सुमित चौधरी पुत्र मुरलीधर चौधरी निवासी रामपुरा, अंकिता कुमावत पुत्री शिवपाल कुमावत निवासी आंकेड़ा, मनीषा चौधरी पुत्री प्रहलाद सहाय निवासी आंकेड़ा, रवि शर्मा पुत्र बाबूलाल शर्मा निवासी आंकेड़ा, संजीव बुनकर पुत्र दिनेश कुमार बुनकर निवासी आंकेड़ा, देवेश कुंदल पुत्र सोहन लाल शर्मा निवासी रामपुरा, तनु प्रजापत पुत्री राकेश प्रजापत निवासी रामपुरा, वंश वर्मा निवासी रामपुरा और अक्षिता चौधरी निवासी आंकेड़ा शामिल हैं। इनका इलाज सिद्धि विनायक हॉस्पिटल में चल रहा है।
हादसे के बाद स्थानीय लोगों में गुस्सा
हादसे के बाद मौके पर जुटे लोगों ने आक्रोश जताया। आरोप लगाया कि चौमूं में ओवरलोड वाहनों के खिलाफ परिवहन विभाग कार्रवाई नहीं करता है। स्थानीय लोगों ने परिवहन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए नारेबाजी की और विरोध जताया।
लोगों ने बताया कि परिवहन विभाग की लापरवाही का ही नतीजा है कि प्राइवेट बसें स्कूलों के नाम पर चल रहे हैं। जरूरी नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। इसी का नतीजा है कि इस तरह की घटनाएं हो रही हैं।चौमूं के सरकारी हॉस्पिटल में बड़ी संख्या में लोग जुटे। रोड पर दौड़ रहे अवैध वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है। उधर, लोगों ने यह भी जानकारी दी कि स्कूल प्रबंधन ने बस को किराए पर लगा रखा था। नियमों के अनुसार बस का रंग पीला होना चाहिए। साथ ही, बच्चों को लाने-ले जाने के दौरान उसमें परिचालक भी होना चाहिए था। परंतु इन सब नियमों की अनदेखी हो रही थी।
पुलिस अधिकारी हॉस्पिटल पहुंचे
घटना की सूचना मिलने पर जयपुर डीसीपी वेस्ट अमित कुमार बुडानिया चौमूं पहुंचे। उन्होंने सामोद रोड स्थित सिद्धि विनायक हॉस्पिटल में घायल बच्चों से घटना की जानकारी ली। इस मौके पर एसीपी अशोक चौहान व कार्यवाहक थाना प्रभारी गणेश सैनी, पूर्व विधायक रामलाल शर्मा, भाजपा जिला अध्यक्ष श्याम शर्मा, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष अनुराग शर्मा भी हॉस्पिटल पहुंचे और घटना के बारे में जानकारी ली।
स्कूल प्रशासन के मौके पर नहीं आने से नाराजगी
घटना के बाद स्कूल प्रशासन की ओर से कोई भी मौके पर नहीं पहुंचा था। इसको लेकर लोगों में भारी नाराजगी है। एसीपी अशोक चौहान ने लोगों को समझाया। बावजूद इसके लोग स्कूल प्रशासन को मौके पर बुलाने की मांग पर अड़े रहे थे। उनका कहना था कि हादसे के बाद स्कूल की ओर से कोई नहीं आया है। इस बात को लेकर चौमूं के सरकारी हॉस्पिटल के बाहर लोग धरने पर बैठ गए और नारेबाजी करने लगे।