उदयपुर। शिक्षा एवं पंचायतीराज मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि राजस्थान विधानसभा में चल रहे प्रकरण को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं विधायक गोविंद सिंह डोटासरा को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा कि गीता की सोगंध खाने की बात कहने वाले डोटासरा के लिए गीता मायने ही नहीं रखती है। उदयपुर के राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय रेजिडेंसी में एक कार्यक्रम में शामिल होने आए दिलावर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि डोटासरा को इगो छोड़कर माफी मांग लेनी चाहिए थी। डोटासरा के गीता की सोगंध वाले बयान पर दिलावर ने कहा कि उनके लिए गीता कोई मायने नहीं रखती है। दिलावर ने कहा कि डोटासरा तो कहते थे कि अयोध्या में भगवान राम का मंदिर नहीं बनने देंगे और बन गया तो तोड देंगे। अब ऐसे में उनके लिए गीता क्या मायने रखती है। डोटासरा तो भगवान राम और श्रीकृष्ण को मानते ही नहीं है।
दिलावर ने कहा कि बैठक में तय हो गया कि डोटासरा माफी मांगेंगे। निलंबित सदस्यों को सदन में नहीं बुलाते लेकिन स्पीकर की सहृदयता देखिए कि उनको विशेष स्वीकृति दी। इसके बाद सदन में आकर वे मुकर गए और सदन स्थगित हो गया। उसके बाद जो भाषण उन्होंने दिया और उसमें स्पीकर के लिए जिन शब्दों का उपयोग कर आसन्न का अपमान किया वैसा राजस्थान में आज तक किसी ने भी अपमान नहीं किया। मंत्री ने कहा कि डोटासरा सदन में आए या नहीं आए उससे कोई अंतर नहीं आता है। सदन आसन्न का अपमान सहन नहीं कर सकता है। उन्होंने मर्यादाएं तोड़ दी और एक चौपाल के बदमाश और गुंडे होते है उस प्रकार का व्यवहार उन्होंने किया जो अमर्यादित था। कांग्रेस के लोग आपस में लड़ रहे है, पुराने लोग कह रहे है कि सदन में कोई भी गलती हो जाती है तो माफी मांग ली जाती है। दिलावर ने कहा कि सदन में पूर्व में मेरे से भी गलती हुई तो मैंने भी माफी मांगी है। कोई मांगने से छोटा नहीं हो जाता है। डोटासरा के व्यवहार से मुख्यमंत्री, स्पीकर, सत्ता पक्ष के लोग दु:खी है।