बारां। जिले के शाहाबाद क्षेत्र के महात्मा गांधी राजकीय स्कूल का विदाई समारोह विवादों में घिर गया है। स्कूल प्रबंधन ने कार्यक्रम के निमंत्रण पत्र पर मां सरस्वती की तस्वीर के साथ ‘जश्न-ए-अलविदा’ शब्द छपवा दिए। इस कार्ड को देखकर लोगों विरोध शुरू कर दिया। मामला बढ़ने पर अब शिक्षा विभाग ने जांच शुरू कर दी है। तीन अधिकारियों ने मामले की जांच के लिए स्कूल का दौरा भी किया है। महात्मा गांधी राजकीय स्कूल, शाहाबाद के प्रिंसिपल विकेश कुमार ने 28 फरवरी को, 2025 को 12वीं के छात्रों के विदाई समारोह का आयोजन किया था। विदाई समारोह के निमंत्रण पत्र पर सरस्वती मां की तस्वीर के साथ उर्दू में ‘जश्न-ए-अलविदा’ छापा गया था। कार्ड पर यह शब्द पढ़कर लोग अचरच में आ गए। जिसके बाद स्थानीय लोगों एवं स्कूली बच्चे ही इसका विरोध जताने लगे। यह मामला विधानसभा तक भी पहुंच गया। कलेक्टर रोहिताश्व सिंह तोमर और अंता विधायक कंवरलाल मीणा ने शिक्षा विभाग को पत्र लिखा। मामले के तूल पकड़ने पर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने मामले की जांच के लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। नए कार्ड का उपयोग किया मामले में प्रिंसिपल विकेश कुमार ने बताया कि विदाई समारोह छात्रों के अनुरोध पर और स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी) के अनुमोदन से आयोजित किया गया था। उन्होंने कहा कि उर्दू वाक्यांश वाले कार्ड मुद्रित किए गए थे, लेकिन उन्हें वितरित नहीं किया गया क्योंकि उन्हें अनुपयुक्त माना गया था। इसकी जगह, बिना वाक्यांश के नए कार्ड का उपयोग किया गया था।
मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी गेंदालाल रैगर ने बताया कि उन्होंने मामले की जांच के लिए इस सीबीईओ किशनगंज देवेंद्र सिंह के नेतृत्व में दिगोदपार राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल के प्रिंसिपल ललित कुमार यादव और बांसथूनी राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल के प्रिंसिपल भरतलाल मीणा की टीम गठित की है। जांच टीम ने मंगलवार को स्कूल का दौरा किया। टीम जल्द ही अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। जांच में यदि कोई कर्मचारी दोषी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि राज्य के सरकारी स्कूलों में 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए बोर्ड परीक्षा से पहले फेयरवेल पार्टी का आयोजन किया जाता है। इस कार्यक्रम के लिए राज्य सरकार बजट भी जारी करती है।