जोधपुर (गजेन्द्र जांगिड)। जोधपुर रेंज की साइक्लोनर टीम ने सुरा सुंदरी सहित सात रंगों के सरताज वांछित 50 हजार की इनामी बद्रीराम पुत्र गंगाराम को पकड़ा है। उसे जोधपुर के ओसियां क्षेत्र से पकड़ा गया है। जोधपुर रेंज आईजी विकास कुमार ने प्रेस वार्ता में बताया कि उसकी आपराधिक यात्रा बहुत ही दिलचस्प रही है। अब तक 44 प्रकरण पुलिस के संज्ञान में आ चुके है। जोकि ब्रदीराम द्वारा कारित किये गये है। मेवाड़ और मारवाड़ के छह जिलों में अपराध की गूंज मचा चुका है बद्रीराम। चोरी, नकबजनी, वाहन चोरी, शराब तस्करी, पुलिस के साथ मारपीट, हत्या का प्रयास, मारपीट, बलात्कार जैसे हर अपराधों में लिप्त रहा है। आईजी विकास कुमार ने बताया कि उसने 27 साल पहले अपनी आपराधिक यात्रा शुरू की थी। दसवीं- बारहवीं करने के बाद अपने आवारा भाईयों की संगत में रहकर गुमराह हो गया और जल्दी पैसे कमाने की धुन सवार होने लगी। अपने चचेरे भाई की शादी के लिए गांव में एक सोसायटी में चोरी की बाद में उसने चोरी और नकबजनी का सिलसिला शुरू किया तो कई सारे मामलें हो गए।
मेवाड़ मारवाड़ मंदिरों में 25 से ज्यादा चोरियां
आईजी विकास कुमार के अनुसार वह विशेष रूप से मंदिरों में चोरी क रता था। मेवाड़-मारवाड़ के मंदिरों में कई कई बार जाकर चोरियां की है। कई बार पकड़ा भी गया और जेल गया और छूटता रहा। इसी के साथ उसके कई सारे शौक पनपते रहे। चाहे विलासिला हो या अन्य अनैतिक गतिविधियां वह हर तरह से इंवाल्व होता रहा।
पिता का पितृत्व हमेशा बना रहा
पिता का पितृत्व उस पर हमेशा बना रहा, वह जेल जाता रहा और पिता जमानत कराते रहे। हर बार वह वादा करता रहा और कहता था कि अपराध की दुनिया से पैर खींच लूंगा। मगर वह ऐसा नहीं कर पाया। उसकी रंगीन मिजाजी और आशिक मिजाजी उसे अपराध की दुनिया में धकेलती रही।
चोरियों से खर्चे पूरे नहीं, तस्करी में घुसा
आईजी विकास कुमार के अनुसार चोरियों से उसके खचे पूरे नहीं होने पर शराब तस्करी में आ गया। हरियाणा से गुजरात तक शराब तस्करी का सूत्रधार बना। लंबे समय तक उसने तस्करी का धंधा चलाया। इसमें भी जेल गया और जेल की दीवारें तोडकर भी भागा। जेल भागने के मामले में कुख्यात रहा बद्रीराम के पिता की मौत भी इसी बीच हुई थी। पिता की मौत के बाद जमानत को जो साया था वह विलीन हो गया। भाईयों ने भी मुख मोड़ लिया। बाद में ससुराल का दामन थामा और खनन कार्य करने लगा। खनन में ज्यादा पैसे आए तो सत्ता का सुख जागा। इससे उसने गांव की सरपंची चुनाव में उसने अपनी मां को खड़ा किया था। सफलता तो नहीं मिली मगर सत्ता का मोह बढ़ता गया। सत्ता से संघर्ष की यात्रा शुरू हो गई और लोगों से दुश्मनियां भी बढ़ती गई। महिला मित्रों का अंबार लगा दिया था। वह रंगीन मिजाजी हो गया। इसी कारण से उसके खिलाफ वर्ष 2023 में उसके खिलाफ रेप और पॉक्सो का केस दर्ज हुआ था। तब से यह फरारी काट रहा था।
साधना में लिप्त होने लगा
आईजी विकास कुमार ने बताया कि जिन मंदिरों से चोरियां का सिलसिला शुरू किया उन्हीं मंदिरों में अब जाकर साधना में लिप्त हो गया। वह बागेश्वर धाम में पर्ची निकलने का इंतजार करता रहा और शांति की तलाश में लग गया। वृंदावन में खूब खाक छानी और अभी महाकुंभ मेले में धूणी जमाकर बैठ गया। यह तपस्या और साधना भी भारी रही कि वह हर महिने दो महिने में अपनी महिला मित्रों के पास में आता रहता।
दो दिन पहले महिला मित्र से मिलने पहुंचा
साइक्लोनर टीम उसकी तीन महिला मित्रों पर निगाह रखे हुए थे। वह अभी दो दिन पहले महिला मित्र से मिलने आया था। वह हमेशा महिला मित्र से मिलने के समय शानों शौकत से जाता था। महिला मित्र से मिलने जाने से पहले वह अपनी गाड़ी की अच्छे धुलाई करवाता था। एक महिला मित्र नहीं मिली तो दूसरी से मिलने पहुंचा था। लोकेशन में उसकी गाड़ी नजर आई थी। वह फिर से ओसियां में एक वर्कशॉप पर गाड़ी धुलाई के लिए पहुंचा तब साइक्लोनर टीम के हत्थे चढ़ गया।