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March 23, 2025 10:11 pm


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दो थानों की पुलिस ने 15 साइबर ठग पकड़े : 20 चोरी के मोबाइल और 16 फर्जी सिम जब्त, आरोपी महंगे कपड़े और पुराने सिक्के बेचने के नाम पर कर रहे थे ठगी

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Pankaj Garg

सच्ची निष्पक्ष सटीक व निडर खबरों के लिए हमेशा प्रयासरत नमस्ते राजस्थान

भरतपुर। डीग जिले की सीकरी और कामां थाना पुलिस ने 15 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से 20 चोरी के मोबाइल और 16 फर्जी सिम जब्त की गई हैं। आरोपी गैंग बनाकर ठगी कर रहे थे। आरोपी महंगे कपड़े, पुराने सूट, सस्ते वाहनों को बेचने सहित अलग-अलग तरीके से ठगी कर रहे थे। फिलहाल पुलिस सभी आरोपियों से पूछताछ कर रही है। सीकरी थाना अधिकारी मुकेश कुमार ने बताया की 7 मार्च को साइबर सेल द्वारा बताया गया की कुछ नंबरों की शिकायत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर दर्ज हुई है। जिनकी टावर लोकेशन एडवर्ड मानपुर और कैमासा के बीच आने वाले जंगल की आ रही है। पुलिस का जाब्ता तुरंत मौके पर पहुंचा। जहां 8 लड़के पुलिया के नीचे बैठे दिखाई दिए। उनके हाथों में मोबाइल थे। पुलिस ने घेराबंदी कर उन्हें पकड़ा। उसमें 2 नाबालिग युवक थे और 6 आरोपी बालिग थे। सभी आरोपियों की तलाशी ली गई तो, उनके पास से 8 मोबाइल मिले।

आरोपियों ने पूछताछ में बताया की वह गैंग बनाकर चोरी के मोबाइलों में फर्जी सिम डालकर उनमें फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट बनाते हैं। जिसके बाद वह सोशल मीडिया पर महंगे लेडीज सूट, अन्य कपड़े और पुराने सिक्के बेचने का विज्ञापन डालते हैं। जो लोग उनसे संपर्क करते हैं वह सामान की होम डिलीवरी के नाम पर उनसे एडवांस रुपये डलवा लेते हैं। साथ ही उन्हें सेक्सटॉर्शन में फंसा कर उनके अश्लील वीडियो बना लेते हैं। फिर उनके अश्लील वीडियो सोशल मीडिया पर डालने की धमकी देकर उनसे ठगी करते हैं।

कामां थाना अधिकारी अनिल गौतम ने बताया की 7 मार्च को राष्ट्रीय साइबर शिकायत हेल्पलाइन नंबर 1930 पर दर्ज शिकायत के अनुसार कुछ मोबाइलों की लोकेशन भुडाका से बिलौंद जाने वाले रास्ते पर मिली। पुलिस की टीम तुरंत मौके पर पहुंची और, वहां से 7 साइबर ठगों को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपियों से तलाशी के दौरान 12 मोबाइल, 16 फर्जी सिम कार्ड जब्त किए गए। आरोपियों ने पूछताछ में बताया की वह महंगे कपड़ों को बेचने का प्रचार करते हैं। साथ ही भारतीय मुद्रा का प्रचार करते हैं। वाहनों को सस्ते दामों पर उपलब्ध करवाने का विज्ञापन डालते हैं। जो लोग उनसे संपर्क करते हैं वह उन्हें बातों में फंसाकर ठगी करते हैं।

Author: JITESH PRAJAPAT

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