राजसमंद। जिले में हत्या के मामले में जिला एवं सेशन न्यायालय ने दोषी को आजीवन कारावास व 20 हजार रूपए के जुर्माने की सजा सुनाई है। जिला एवं सेशन न्यायाधीश राघवेंद्र काछवाल ने हत्या के प्रकरण में आरोपी लच्छीराम पुत्र वेणाराम को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास एवं 20 हजार रूपए का जुर्माना लगाया है। लोक अभियोजक रामलाल जाट के अनुसार 8 अप्रैल 2021 को पीड़ित भूरी बाई ने पुलिस थाना केलवाड़ा में अपने पति हरिंग भील की हत्या की रिपोर्ट दी थी। रिपोर्ट में बताया कि वो अपने पति हरिंग और बेटी कंकू के साथ गेहूं की फसल काट काटने के बाद दोपहर में कुएं पर आम के पेड़ के नीचे अपने पति को खाना खिलाने रही थी। इसी दौरान दोपहर करीब 2 बजे के बाद लच्छीराम शराब के नशे में खेत पर आया और जान से मारने की धमकियां देने लगा। लक्ष्मी राम के शराब के नशे में होने के कारण भूरी बाई चुप रही।
उसके बाद भूरी बाई खेत व उनकी बेटी घर पर चली गई और पति खेत की पाली पर ही सो गया। कुछ समय बाद भूरी बाई जब वापस आई तो लच्छीराम के हाथों में बड़ा पत्थर था, जिससे लच्छीराम ने हरिंग के सिर पर वार कर हत्या कर दी। जिसके बाद गांव के लोग भी खेत पर पहुंचे ओर पुलिस को सूचना दी। रिपोर्ट के आधार पर केलवाड़ा थाना इंचार्ज शैतान सिंह ने अनुसंधान कर धारा 302 आईपीसी में लच्छीराम पुत्र वेणाराम भील निवासी मजेरा कुंडाला थाना केलवाड़ा को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। लोक अभियोजक जाट ने बताया कि इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से 16 गवाह को पेश किया गया और 21 दस्तावेज एवं 5 आर्टिकल प्रदर्शित कराए गए। कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनी व जिला न्यायालय ने आरोपी लच्छीराम को हेरिंग की हत्या के मामले में दोषी पाया। जिस पर दोषी को आजीवन कारावास एवं 20 हजार के जुर्माने की सजा से दंडित किया। राज्य सरकार की ओर से लोक अभियोजक रामलाल जाट एवं फरियादी अधिवक्ता सीमा जैन ने उक्त प्रकरण में पैरवी की।