जयपुर। जिले में बदमाशों के 78 साल के बुजुर्ग को फेक डॉक्युमेंट से प्लॉट बेच डाला। प्रॉफिट का झांसा देकर 93 लाख रुपए कैश ऐंठ लिए। गिरवी रखे मकान और लोन के कर्ज में डूबे बुजुर्ग ने मालपुरा गेट थाने में धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज करवाई। पांच महीने से न्याय की गुहार लगाने के बाद भी पुलिस अभी तक आरोपियों को पकड़ नहीं पाई है। मालपुरा गेट थाने में इंदिरा नगर गोपालपुरा मोड़ निवासी बाबूलाल गुर्जर (78) ने अक्टूबर 2024 में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। नकली डॉक्युमेंट के जरिए उनको प्लॉट बेचकर बदमाशों ने 93.24 लाख रुपए कैश ऐंठ लिए है।
पीड़ित बाबूलाल गुर्जर ने बताया- घरेलू गैस सिलेंडर सप्लाई करने वाले विनोद कुमार यादव को पिछले करीब 8 साल से जानते थे। अपनी पांच पोतियों की शादी के लिए रिटायर्ड होने के बाद भी कुछ करना चाहता था। विनोद को कोई प्लॉट बताने के लिए कहा। जो कुछ समय रखने के बाद बेचने पर प्रॉफिट में बिक जाए। गैस सिंलेडर सप्लायर विनोद कुमार ने कुछ दिनों बाद ही बंबाला पुलिया के पास 350 गज का प्लॉट दिखाया। प्लॉट की कीमत 33 हजार 500 रुपए प्रति गज के हिसाब से होना बताया। बजट से बाहर होने की कहने पर आरोपी विनोद ने झांसा दिया। इसकी कीमत 45 हजार रुपए गज के हिसाब से है। हाउसिंग बोर्ड से जल्द इसे जेडीए एक्वायर कर लेगा तो इसकी कीमत बढ़ जाएगी। रुपए कम करवाने की कहने पर बिचौलिए से मिलवाकर सौदा करवाने के लिए कहा। पीड़ित ने बताया- प्लानिंग के तहत विनोद ने प्लॉट के सौदे के लिए गणेश शर्मा व उसकी साथी महिला से मिलवाया। तीनों ने प्लॉट को कोटा निवासी मुनीश कुमार कंचन का बताया। मुनीश कुमार से मिलने के लिए कहा तो आरोपियों ने रजिस्ट्री के समय कोटा से आने के लिए कहकर टाल दिया। प्रॉफिट के झांसे में लेकर प्लॉट का सौदा कर 2.51 लाख रुपए एडवांस ले लिए।
डीएलसी रेट 12.35 लाख रुपए का ही चेक से पेमेंट होना बताया। बाकी के 93.25 लाख रुपए कैश में देने होंगे। जालसाजों ने फर्जी डॉक्युमेंट और बातों के जाल में फंसाकर 93.25 लाख रुपए कैश ऐंठ लिए। बार-बार कहने पर भी रजिस्ट्री नहीं करवाने पर शक हुआ। पीड़ित के पता करने पर प्लॉट मालिक मुनीश कुमार की नवम्बर 2021 में मौत होने का पता चला। पीड़ित बुजुर्ग बाबूलाल का कहना है- उन्होंने यह सोचकर प्लॉट खरीदा था कि उनके तीन बेटों की छोटी नौकरी है। बेटों के 5 बेटियां हैं। भविष्य में भूखंड को बेचकर जो राशि मिलेगी, वह उनकी बेटियों की शादी में काम आएगी। इसके चलते ही रिटायर्ड होने पर मिले पैसे के साथ ही मकान गिरवी रखकर, गोल्ड और एफडी पर लोन लेकर जैसे-तैसे प्लॉट खरीदने के लिए रुपए दिए। उज्जवल भविष्य के सपना दिखाकर जालसाज उसे कर्ज में डुबा गए।