बांसवाड़ा। लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के अंतर्गत विशेष अदालत की पीठासीन अधिकारी तारा अग्रवाल ने एक किशोरी के अपहरण व दुष्कर्म करने के एक मामले में आरोपी को दोष सिद्ध होने पर 10 वर्ष के कठोर कारावास और जुर्माने से दंडित किया है। अभियोजन पक्ष के अनुसार गत 26 मार्च 2019 को पीड़िता किशोरी के पिता ने महिला थाना के समक्ष उपस्थित होकर एक रिपोर्ट दी कि वह चार – पांच दिन पहले अपनी पत्नी के साथ गांव चंद्रगढ़ गया था। घर पर बेटा और नाबालिग बेटी थे। जिस दिन वह लौटा, उस दिन बेटा काम पर गया था, लेकिन बेटी घर पर नहीं मिली। उसने आसपास काफी तलाश की, किन्तु कुछ पता नहीं चल पाया। बाद में उसे पता चला कि बेटी को बंदोलापाड़ा नवागांव निवासी दिनेश पुत्र लक्ष्मण पत्नी बनाने की नियत से बहला फुसला कर ले गया है। इस पर पुलिस ने अपहरण का प्रकरण दर्ज किया। पुलिस ने मामले के अनुसंधान के बाद आरोपी दिनेश को गिरफ्तार किया। अनुसन्धान अधिकारी ने न्यायालय में आरोपी के खिलाफ चार्जशीट पेश की।विशिष्ट लोक अभियोजक हेमेंद्रनाथ पुरोहित ने बताया कि न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद आरोपी दिनेश को नाबालिग के अपहरण व दुष्कर्म का दोषी पाया। न्यायालय ने आरोपी को लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के अंतर्गत 10 वर्ष के कठोर कारावास और 10 हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया। जुर्माना अदा नहीं करने पर आरोपी का एक वर्ष का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगताने के भी आदेश दिए गए।

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किशोरी के अपहरण व दुष्कर्म के आरोपी को 10 वर्ष का कठोर कारावास, पॉक्सो कोर्ट ने 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया


Pankaj Garg
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