हनुमानगढ़। जिले में रेल बाइपास के लिए अवाप्त भूमि की निशानदेही की कार्रवाई से वार्ड 17 स्थित आनंद विहार कॉलोनी के वाशिंदों की नींद उड़ गई है। रेल बाइपास को आवासीय कॉलोनी के बीच से निकालने का विरोध कर रहे कॉलोनीवासियों ने शुक्रवार को विरोध-प्रदर्शन का अनूठा तरीका अपनाया। कॉलोनी के पुरुषों व महिलाओं ने वार्ड के पूर्व पार्षद प्रतिनिधि सागर गुर्जर के नेतृत्व में गले में फंदा (रस्सी) डालकर सांकेतिक रूप से प्रदर्शन किया। कॉलोनीवासियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि आज तो उन्होंने सांकेतिक रूप से प्रदर्शन किया है, लेकिन अगर रेलवे प्रशासन ने उनके मकान तोड़े तो वे सामूहिक रूप से आत्महत्या करने से पीछे नहीं हटेंगे। पूर्व पार्षद प्रतिनिधि सागर गुर्जर ने बताया कि रेलवे विभाग के अधिकारियों की ओर से गुरुवार को पुलिस की दो बटालियन आनंद विहार कॉलोनी में लाकर पूरे मोहल्ले के लोगों को डराया गया और उनमें भय व्याप्त कर दिया। रेलवे विभाग ने गुरुवार को निशानदेही की कार्रवाई की। रेलवे विभाग के अधिकारी अनुचित रूप से मकान खाली करवाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन यह आवासीय और अप्रूव्ड कॉलोनी है। इसमें लोगों के मकान बने हुए हैं। इन लोगों के पास अपने मकानों के पट्टे हैं। यह जगह कब्जे की नहीं है। लोगों ने अपनी आपत्तियां लगा रखी हैं। यह मामला हाई कोर्ट में विचाराधीन है। रेल बाइपास से करीब 35 से 40 परिवार प्रभावित हो रहे है, लेकिन रेलवे विभाग मुआवजा आदि देने की बात करने की बजाय पुलिस की बटालियन लाकर मोहल्लेवासियों को डराना चाहता है।
उन्होंने कहा कि जिला कलेक्टर की रिपोर्ट में भी रेल बाइपास को अनुचित बताते हुए दोबारा सर्वे करवाने की बात कही गई है, लेकिन रेलवे प्रशासन हठधर्मिता अपनाए हुए है और रेल बाइपास को वर्तमान में प्रस्तावित जगह से ही निकालने पर आमादा है। जबकि रेल बाइपास शहर से बाहर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर रेलवे विभाग की ओर से इन लोगों को इनके मकानों से बेदखल किया जाता है तो मोहल्लावासी सामूहिक रूप से आत्महत्या करने जैसा कदम उठाने से पीछे नहीं हटेंगे। इसकी सम्पूर्ण जिम्मेवारी रेलवे विभाग की होगी। उन्होंने कहा कि मोहल्लेवासियों का कहना है कि पुलिस लाने से वे डरने या भयभीत नहीं होने वाले। जब रेलवे के अधिकारी ही उन्हें मारना चाहते हैं तो वे खुद ही अपने-अपने घरों में फांसी लगाकर मर जाएंगे, इसके बाद रेलवे विभाग उनके मकानों को तुड़वा सकता है। उन्होंने मांग की कि आनंद विहार कॉलोनी से निकाले जाने वाला रेल बाइपास निरस्त कर शहर से बाहर से निकाला जाए ताकि आवासीय कॉलोनी के लोगों के मकान न टूटे।