शिवगंज। आर्य समाज शिवगंज के साप्ताहिक सत्संग में हरदेव आर्य ने कहा कि धार्मिक व्यक्ति वह है जो विद्यावान,ज्ञानवान है क्योंकि वही व्यक्ति धर्म और अधर्म को परिभाषित कर सकता हैं इनके ज्ञान से देव यज्ञ करता है और विद्वानों का सत्कार और संगति करता है विद्यावान व्यक्ति के साथ ही जीवात्मा संबंध रखता है। विद्या कभी चोरी नहीं हो सकती और ये देने से भी बढ़ती है सृष्टि के नाश होने पर भी नष्ट नहीं होती इसके समान संसार में कोई वस्तु नहीं है। इससे पूर्व मोहन लाल माली के यज्ञ मानी में अर्जुन छिपा के निर्देशन में वैदिक मंत्रों से अग्निहोत्र में आहुतियां अर्पित की गई। कमलेश शर्मा ने भजन गाया,संदीप आर्य ने आर्य समाज के नियमों का वाचन किया और शांति पाठ महेंद्र माली ने किया। पिंकी देवी,मनीषा सुथार,गेरी देवी,प्रियांशु सुथार,सुरेश आर्य,हरीश गरासिया,धनराज कुमावत,गौरव माली, खुशाल सुथार,केसाराम देवासी,छगन देवासी,सुरेश देवासी, अरुण आर्य,सोहन सुथार,पूर्ण प्रजापत,अर्जुन सिंह, भंवरलाल उपस्थित रहे।

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आर्य समाज साप्ताहिक सत्संग मे आर्य ने कहाँ की धार्मिक व्यक्ति वह है जो विधवान ज्ञानवान है


Pankaj Garg
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