हनुमानगढ़। जिले में कृषि भूमि में आवाजाही के बने रास्ते को बंद करने और विरोध करने पर किसान के साथ गाली-गलौच व मारपीट कर जान से मारने की धमकी देने का मामला सामने आया है। इस संबंध में सदर पुलिस थाना में दो महिलाओं सहित आठ जनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया गया है। पुलिस के अनुसार रोहिताश (25) पुत्र जगदीश जाट निवासी वार्ड 11, भाम्भूवाली ढाणी ने रिपोर्ट के जरिए मुकदमा दर्ज करवाया कि उसके पिता के नाम से चक 16 जेआरके में 15 बीघा कृषि भूमि है। उक्त कृषि भूमि में आवाजाही के लिए रास्ता बना हुआ है, लेकिन चक के किसान रामरतन पुत्र चन्दूराम, कमला पत्नी रामरतन, घनश्याम पुत्र रामरतन, साजनराम पुत्र कुम्भाराम, रायसिंह पुत्र कुम्भाराम, विनोद पुत्र श्योलाल, विमला पत्नी श्योलाल, अमन पुत्र रायसिंह उक्त रास्ते को जबरदस्ती बंद कर व फसल काश्त कर उसका आना-जाना बाधित कर देते हैं। उसने पूर्व में दो बार तहसीलदार को वस्तुस्थिति से अवगत करवाकर रास्ता खुलवाने का निवेदन किया।
तहसीलदार की ओर से मौके पर जाकर पटवारी व अन्य अधिकारियों/कर्मचारियों की मौजूदगी में रास्ता खुलवाया जा चुका है, लेकिन यह किसान उक्त रास्ता को पुन: जबरदस्ती बंद कर देते हैं। 3 अप्रैल को तहसीलदार की ओर से उक्त रास्ता को खुलवाया गया था, लेकिन लगभग 10 दिन बाद इन किसानों ने रास्ते को पुन: बन्द कर दिया। इसकी शिकायत उसने व चक के अन्य किसानों की ओर से तहसीलदार व उपखण्ड मजिस्ट्रेट को की गई। इसकी जानकारी उक्त किसानों को होने पर उन्होंने रास्ता खोल दिया। वह 11 मई को सुबह अपने खेत गया तो रामरतन, कमला, घनश्याम, साजनराम, रायसिंह, विनोद, विमला व अमन ट्रैक्टर से हल चलाकर रास्ते की भूमि पर काश्त कर रहे थे। उसने चक के अन्य किसानों सतपाल, इन्द्रसैन, जगदीश को इसकी सूचना दी। तब उक्त लोग भी मौके पर आ गए। उन्होंने रास्ते की भूमि में काश्त करने व आवाजाही बाधित करने से मना किया तो रामरतन वगैरा ने गालियां निकाली तथा कहा कि यह हमारी जमीन है। इसमें से तुम्हें आना-जाना नहीं करने देंगे। हमारी जमीन में पैर रखा तो जान से मार देंगे। यह कहते हुए उसके साथ मारपीट करने लगे। चक के अन्य किसान सतपाल आदि ने बीच-बचाव कर उसे इन लोगों के चंगुल से छुड़वाया। पुलिस ने रिपोर्ट के आधार पर भारतीय न्याय संहिता की धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान हैड कॉन्स्टेबल राजेन्द्र कुमार के सुपुर्द किया है।